लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: शरहे दुआ ए कुमैल
हज़्मे अनदोलुसी के पुत्र ने कुमैल के पूर्वज इस प्रकार बयान किये है।
कुमैल पुत्र ज़ियाद पुत्र नहीक पुत्र हैसम पुत्र सअद पुत्र मालिक पुत्र हारिस पुत्र सोहबान पुत्र सअद पुत्र मालिक पुत्र अन्नखा[1]
कुमैल की जाति
नख़अ यमन की जनजातियो मे से एक बडी जनजाति है, इस जाति के लोग इस्लाम धर्म के आरम्भ मे ही मुसलमान हो गये थे। यह वह जाति है जिसके लिए पैग़म्बर (स.अ.व.व.) ने प्रार्थना की।
أَللَّھُمَّ بَارِک فِی النَّخَعِ
अल्लाहुम्मा बारिक फ़िन्नख़ाए
प्रभु! नख़अ को धन्य रख।
इस्लाम के आरम्भ मे ही इस धन्य जनजाति के लोगो ने उत्कृष्टता और पूर्णता के शिखर को प्राप्त कर ईश्वरीय दूत की ओर से लड़ते हुए युद्धो मे शहीद हो गये और सार्वजनिक रूप से प्रसिद्ध हो गये।
जारी