पैग़म्बरे अकरम (स) से मुतअद्दिद हदीसें हज़रते ख़दीजा (स) की शान में ज़िक्र हुई हैं लेकिन हम यहाँ उस समुन्दर में से सिर्फ़ एक गोशे की तरफ़ इशारा कर रहे हैं।
ख़ुदा वंदे आलम हर रोज़ हज़रत ख़दीजा (स) के वुजूद मुबारक से फ़रिश्तों पर फ़ख़्र करता है। [1]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं: हज़रत ख़दीजा (स) मुझ पर उस वक़्त ईमान लायीं जब सब वादी ए कुफ़्र में ग़ोतावर थे उन्होने उस वक़्त मेरी तसदीक़ फ़रमाई जब सब इंकार कर रहे थे।
उन्होने उस वक़्त अपना तमाम माल मेरे हवाले किया जब सब फ़रार कर रहे थे और उन्ही के तुफ़ैल ख़ुदा वंदे आलम ने मुझे साहिब औलाद बनाया। [2]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं: मरियम बिन्ते इमरान, आसिया बिन्ते मुज़ाहिम, ख़दीजा बिन्ते ख़ुवैलद और फ़ातेमा बिन्ते मुहम्मद (स) दुनिया की बेहतरीन ख़्वातीन शुमार होती है। [3]
जन्नत की अफ़ज़ल ख़्वातीन, ख़दीजा बिन्ते ख़ुवैलद, फ़ातेमा बिन्ते मुहम्मद (स), मरियम बिन्ते इमरान और आसिया बिन्ते (फ़िरऔन की बीवी) हैं। [4]
मरियम, ख़दीजा, आसिया और फ़ातिमा (अ) ऐसी चार ख़्वातीन हैं जो जन्नत की ख़्वातीन की सरदार हैं। [5]
हज़रत मरियम, ख़दीजा, आसिया और फ़ातेमा दुनिया की ऐसी चार ख़्वातीन हैं जो कमाल की आख़िरी मंज़िल पर फ़ायज़ है।[6]
हज़रत ख़दीजा (स) ने ख़ुदा और उसके रसूल (स) पर ईमान लाने में तमाम ख़्वातीने आलम पर सबक़त हासिल की। [7]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं: कौन हज़रत ख़दीजा की तरह हो सकता है उन्होने मेरी उस वक़्त तसदीक़ की जब सब तकज़ीब कर रहे थे। दीन की तरक़्क़ी में मेरी मददगार रहीं और अपना सारा माल अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर दिया। [8]
जन्नत चार शहज़ादियों की मुश्ताक़ है, मरियम, ख़दीजा, आसिया और फ़ातेमा (अ)। [9]
हज़रत ख़दीजा उम्महातुल मोमिनीन में से सबसे बेहतर और अफ़ज़ल और दुनिया की औरतों की सरदार हैं। [10]
ख़दीजा (स) की मुहब्बत मेरे लिये ख़ुदा वंदे आलम की मरहूने मिन्नत हैं। [11]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं: ख़दीजा (स) आमाक़े दिल से मेरी मुहिब हैं। [12]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) फ़रमाते हैं: मैं ख़दीजा (स) के चाहने वालों को चाहता हूँ। [13]
ख़ुदा वंदे आलम ने अज़वाज (बीवियों) में हज़रत ख़दीजा (स) को सबसे बेहतर क़रार दिया है। [14]
ख़ुदा वंदे आलम ने किसी को हज़रत ख़दीजा (स) का हम रुतबा क़रार नही दिया है। [15]
मैंने ख़िदमत के लिये हज़रत ख़दीजा (स) से बेहतर व हक़ शिनास किसी को नही पाया। [16]
हज़रत ख़दीजा (स) के माल से बढ़ कर कोई माल मेरे लिये फ़ायदेमंद साबित नही हुआ। [17]
ख़ुदा वंदे आलम ने चार औरतों का इंतेख़ाब किया है। मरियम, आसिया, ख़दीजा और फ़ातेमा (अलैहुन्नस सलाम)। [18] हज़रत मरियम अपने ज़माने की और हज़रत ख़दीजा (स) अपने ज़माने की सबसे अफ़ज़ल ख़ातून हैं। [19]
ख़ुदा वंदे आलम ने अली, हसन, हुसैन, हमज़ा, जाफ़र, फ़ातेमा और ख़दीजा (अलैहिमुस सलाम) को दोनो आलम में मुन्तख़ब क़रार दिया है। [20]
पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने आयशा से मुख़ातब हो कर फ़रमाया: हज़रत ख़दीजा (स) के बारे में ऐसी बातें मत करो वह सबसे पहली ख़ातून हैं जो मुझ पर ईमान लायीं और उन्ही के ज़रिये ख़ुदा वंदे आलम ने मुझे साहिबे औलाद बनाया लेकिन तुम इस से महरूम रहीं। [21]
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[1] . अल्लामा मजलिसी, बिहारुल अनवार जिल्द 18 पेज 243, अरबेली, क़शफ़ुल ग़ुम्मह जिल्द 2 पेज 72
[2] . ज़हबी, सीरए आलामुन नबला जिल्द 2 पेज 82, इब्ने हजर, अल एसाबा जिल्द 4 पेज 275
[3] . इब्ने असीर, उस्दुल ग़ाबा जिल्द 5 पेज 537
[4] . इब्ने अब्दुल बर, अल इसतिआब जिल्द 2 पेज 720
[5] . तबरी, ज़ख़ायरुल उक़बा पेज 44
[6] . इब्ने सब्बाग़ मालिकी, अल फ़ुसूलुल मुहिम्मह पेज 129
[7] . हाकिम, मुसतदरके सहीहैन जिल्द 2 पेज 720
[8] . अल्लामा मजलिसी, बिहारुल अनवार जिल्द 43 पेज 25
[9] . बिहारुल अनवार जिल्द 43 पेज 53
[10] . सैलावी, अल अनवारुस सातेआ पेज 7
[11] . गंजी शाफ़ेई, किफ़ायतुत तालिब पेज 359
[12] . बहरानी, अल अवालिम जिल्द 11 पेज 32
[13] . महल्लाती, रियाहिनुश शरीयह जिल्द 2 पेज 206
[14] . इब्ने हेशाम, अस सीरतुन नबविया जिल्द 1 पेज 80
[15] . इब्ने अब्दुल बर, अल इसतीआब जिल्द 2 पेज 721
[16] . अल्लामा मजलिसी, बिहारुल अनवार जिल्द 16 पेज 10
[17] . अल्लामा मजलिसी, बिहारुल अनवार जिल्द 19 पेज 63
[18] . इब्ने अबिल हदीद, शरहे नहजुल बलाग़ा जिल्द 10 पेज 266
[19] . सही बुख़ारी जिल्द 4 पेज 200
[20] . अल्लामा मजलिसी, बिहारुल अनवार जिल्द 37 पेज 63
[21] . क़ाज़ी नोमान, शरहुल अख़बार जिल्द 3 पेज 20