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सऊदी अरब 14 मई को शैख़ निम्र को फ़ांसी देगा

सऊदी अरब ने कहा है कि वह चौदह मई को शैख़ निम्र को फ़ांसी दे देगा और वॉशिंग्टन ने अब तक इस निर्णय का विरोध नहीं किया है। ब्रसेल्ज़ में यूरोप के कूटनैतिक सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब ने घोषणा की है कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शैख़ निम्र को दिए गए मृत्युदंड पर 14 मई को अमल किया जाएगा। यूरोप के इन सूत्रों के अनुसार एक गुप्तचर संस्था ने दो दिन पूर्व सऊदी अरब के राजशाही परिवार से ऐसी सूचनाएं प्राप्त की हैं जिनसे पता चलता है कि इस देश के युवराज मुहम्म
सऊदी अरब 14 मई को शैख़ निम्र को फ़ांसी देगा

सऊदी अरब ने कहा है कि वह चौदह मई को शैख़ निम्र को फ़ांसी दे देगा और वॉशिंग्टन ने अब तक इस निर्णय का विरोध नहीं किया है।
ब्रसेल्ज़ में यूरोप के कूटनैतिक सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब ने घोषणा की है कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शैख़ निम्र को दिए गए मृत्युदंड पर 14 मई को अमल किया जाएगा। यूरोप के इन सूत्रों के अनुसार एक गुप्तचर संस्था ने दो दिन पूर्व सऊदी अरब के राजशाही परिवार से ऐसी सूचनाएं प्राप्त की हैं जिनसे पता चलता है कि इस देश के युवराज मुहम्मद बिन नायफ़ ने कहा है कि ये शैख़ निम्र को मौत के घाट उतारने का अच्छा अवसर है, जब लोग यमन के विरुद्ध सऊदी अरब की सैन्य कार्यवाही पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
यूरोप के कूटनैतिक सूत्रों के अनुसार आयतुल्लाह शैख़ बाक़िर निम्र को फांसी दिए जाने से जनता में आक्रोश उत्पन्न हो जाएगा और क्षेत्र में सशस्त्र गुट अस्तित्व में आएंगे और सऊदी अरब के साथ ही अमरीका के लोगों को भी निशाना बनाया जाएगा क्योंकि अमरीकियों ने ही शैख़ निम्र को फ़ांसी देने के लिए सऊदी अरब को हरी झंडी दिखाई है।
ब्रसेल्ज़ में यूरोप के कूटनयिक सूत्रों ने बताया है कि सऊदी अरब के युवराज मुहम्मद बिन नायफ़ ने अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी से कहा है कि 14 मई को शैख़ निम्र को फांसी दे दी जाएगी और यद्यपि यह एक आंतरिक मामला है किंतु सऊदी अधिकारी चाहते हैं कि अमरीकी अधिकारी इससे अवगत रहें। केरी ने उनसे पूछा कि क्या वे वास्तव में ऐसा करना चाहते हैं जिस पर मुहम्मद बिन नायफ़ ने कहा कि हां, शैख़ निम्र को फ़ांसी दी जाएगी और शाह सलमान भी इससे सहमत हैं। अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि वे यह बात राष्ट्रपति बराक ओबामा को बता देंगे। उक्त सूत्रों के अनुसार इस ख़बर के सामने आने के बाद से सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल जुबैर को वॉशिंग्टन की ओर से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष पत्र नहीं मिला है जिसमें ओबामा ने इस संबंध में अपनी नीति की घोषणा की हो। सऊदी अधिकारी, ओबामा के इस मौन को शैख़ निम्र को फ़ांसी दिए जाने के संबंध में उनकी सहमति मान रहे हैं।
ज्ञात रहे कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शैख़ बाक़िर निम्र को पहली बार वर्ष 2006 में बहरैन से वापसी के समय क़ुरआने मजीद के संबंध में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भाग लेने के कारण गिरफ़्तार कर लिया था। उन पर पवित्र नगर मदीना में स्थित जन्नतुल बक़ी नामक क़ब्रिस्तान की उचित देख-भाल किए जाने, शिया मत को औपचारिकता प्रदान किए जाने और देश की वर्तमान शैक्षिक प्रणाली को बदलने या हटाने की मांग करने का आरोप है। आयतुल्लाह शैख़ निम्र को 11 जुलाई वर्ष 2013 को सऊदी अरब के सुरक्षा बलों ने हमला करके गिरफ़्तार कर लिया था और एक अज्ञात स्थान पर पहुंचा दिया था। एक साल बाद 15 अक्तूबर 2014 को सऊदी अरब के एक विशेष न्यायालय ने उन्हें मौत की सज़ा सुनाई थी। सऊदी अरब के पूर्व नरेश अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अज़ीज़ के आदेश पर उनकी फ़ांसी को अगले आदेश तक के लिए रोक दया गया था।


source : abna
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