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Sunday 7th of July 2024
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ईरान ने हमेशा खुल कर अपनी नीतियों की घोषणा की है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि इस्लामी राष्ट्र का महत्वपूर्ण दायित्व, अमरीकी नेतृत्व में जारी अज्ञानी प्रक्रिया का मुक़ाबला करना है। आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के अवसर पर गुरुवार को तेहरान में देश
ईरान ने हमेशा खुल कर अपनी नीतियों की घोषणा की है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि इस्लामी राष्ट्र का महत्वपूर्ण दायित्व, अमरीकी नेतृत्व में जारी अज्ञानी प्रक्रिया का मुक़ाबला करना है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के अवसर पर गुरुवार को तेहरान में देश के उच्चाधिकारियों और इस्लामी देशों के राजदूतों से भेंट में कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान, बड़ी शक्तियों से बिना किसी डर के इमाम ख़ुमैनी के मिशन को आगे बढ़ाएगा।
वरिष्ठ नेता का यह बयान उन लक्ष्यों की याद दिलाता है जिन्हें इस्लामी क्रांति ने पूरा किया है और अपने रास्ते में आने वाली अमरीका की हर रुकावट को रौंद दिया है। ईरान ने आरंभ से ही अन्याय करने वाली शक्तियों से अपना रास्ता अलग कर लिया था और पूरब व पश्चिम पर निर्भरता के बिना अज्ञानता व अन्याय का मुक़ाबला किया है। यही कारण है कि इस्लामोफ़ोबिया, ईरानोफ़ोबिया और शिया फ़ोबिया अमरीका व उसकी पिट्ठू सरकारों के षड्यंत्रों में सबसे ऊपर है। अमरीका, इस्लामी क्रांति के प्रभावों को अपने लिए और साथ ही ज़ायोनी शासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती समझता है और इसी लिए इस्राईल को हर प्रकार से सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी बात के दृष्टिगत इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि संसार की वर्तमान स्थिति, ज़ायोनी पूंजीपतियों के वर्चस्व का परिणाम है और वे अमरीकी सरकार तक को नियंत्रित करते हैं। पिछले कुछ वर्षों के हालात से पता चलता है कि ज़ायोन शासन, क्षेत्र में आने वाली इस्लामी चेतना की लहर से बुरी तरह बौखलाया हुआ है और अमरीका व उसके अन्य समर्थक इस्लामी एकता को निशाना बना कर इस्लामी प्रतिरोध को समाप्त करने के षड्यंत्र रच रहे हैं। अमरीका के लिए इस्लामोफ़ोबिया और ईरानोफ़ोबिया के परिप्रेक्ष्य में जिस बात का बड़ा महत्व है वह सीरिया, लेबनान व फ़िलिस्तीन में प्रतिरोध के मोर्चों को कमज़ोर करके इस्राईल की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाना है। लेकिन ईरान ने हमेशा इस प्रकार की साज़िशों की ओर से सचेत किया और प्रतिरोध के मोर्चे के हर संभव समर्थन की घोषणा की है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ईरान ने कभी भी किसी भी देश के विरुद्ध युद्ध आरंभ नहीं किया है लेकिन उसने खुल कर अपनी नीतियों की घोषणा की है और आगे भी करता रहेगा।


source : abna24
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