Hindi
Monday 29th of July 2024
0
نفر 0

फ़रिशतगाने ख़ुदा

फ़रिशतगाने ख़ुदा


फ़रिशतगाने ख़ुदा


फ़रिश्तों के वुजूद पर हमारा अक़ीदह है कि और हम मानते हैं कि उन में से हर एक की एक ख़ास ज़िम्मेदारी है-

एक गिरोह पैगम्बरों पर वही ले जाने पर मामूर हैं।

एक गिरोह इँसानों के आमाल को हिफ़्ज़ करने पर

एक गिरोह रूहों को क़ब्ज़ करने पर

एक गिरोह इस्तेक़ामत के लिए मोमिनो की मदद करने पर

एक गिरोह जँग मे मोमिनों की मदद करने पर

एक गिरोह बाग़ी कौमों को सज़ा देने पर

और उनकी एक सबसे अहम ज़िम्मेदारी इस जहान के निज़ाम में है।

क्योँ कि यह सब ज़िम्मेदारियाँ अल्लाह के हुक्म और उसकी ताक़त से है लिहाज़ अस्ले तौहीदे अफ़आली व तौहीदे रबूबियत की मुतनाफ़ी नही हैं बल्कि उस पर ताकीद है।

ज़िमनन यहाँ से मस्ला-ए-शफ़ाअते पैग़म्बरान, मासूमीन व फ़रिश्तेगान भी रौशन हो जा

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

अँबिया के मोजज़ात व इल्मे ग़ैब
राह के आख़री माना
न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई ...
तहाविया सम्प्रदाय
मआद की दलीलें रौशन हैं
रोज़े आशूरा के आमाल
आलमे बरज़ख
बेनियाज़ी
अरफ़ा, दुआ और इबादत का दिन
पारिभाषा में शिया किसे कहते हैं।

 
user comment