कृपया प्रतीक्षा करें

पश्चाताप

  • प्रकाशन तिथि:   2012-11-23 20:36:20
  • दृश्यों की संख्या:   512

लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान

 

किताब का नाम:

किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत

 

 

शांति और सुरक्षा, नफ्स की रज़ाइल से सुरक्षा, गंदे विचारों से हिफाज़त, अच्छा कर्म, अख़लाक़ की बुलनदीयो तक पहुंचना, इसी प्रकार मानव व्यक्तित्व का मानवता की सोच रखने के लिए, कमालाते मानवी को प्राप्त करने, हक़ाइक़े इलाही के मोहक़्क़क़ होने, फ़ैज़ के स्रोत से इत्तेसाल, क़ुर्बे इलाही तक पहुचना, मुहब्बते इलाही के चक्र मे प्रवेश करना, इनसानी फ़ज़ाइल का अपने अनदर पैदा करना और हमेशा का आनंद लेना ये सब वो बातें है जो पापों को छोड़े बिना मनुष्य प्राप्त नही कर सकता ।

पापी आदमी जब तक पाप की खाई से बाहर नही आयेगा उस समय तक वह आध्यात्मिक विषयों को समझने और फ़यूज़ात को प्राप्त करने से वंचित है, इसलिए पाप को छोड़े बिना ब्रह्मांड मे अच्छाई को प्राप्त करना संभव नहीं है।

पाप और अपराध से दूषित व्यक्ति, अपने विकास के क्षेत्र, आंतरिक प्रतिभा और आध्यात्मिक विकास, अपनी मानसिक शक्ति के कमाले मतलूब तक पहुचने मे बाधा बना हुआ है।

लेकिन हज़रत हक़ ने अपराधीयो के लिए एक बाबे रहमत क्षतिपूर्ति के लिए खोला है ताके इन उदात्त सच (अरशी हक़ीक़तो) मे प्रवेश से दूषित व्यक्ति ना सिर्फ ये के वह अपने तमाम पाप और अपराध से पाक हो जाता है बलकि आध्यात्मिक उच्च स्तरों को भी प्राप्त कर लेता है 

यह उदात्त सच (अरशी हक़ीक़त) पश्चाताप (तोबा) के अलावा कुछ नहीं है, तोबा आग़ाशे रहमते इलाही है।

 

जारी

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