Hindi
Tuesday 26th of November 2024
0
نفر 0

विश्व भर में आशूर का दिन बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया

विश्व भर में आशूर का दिन बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया

इराक़ ईरान, भारत और पाकिस्तान सहित विश्व भर में आशूर का दिन बड़ी श्रद्धा और धार्मिक भावना के साथ मनाया गया।

इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में जहां इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के रौज़े हैं दसियों लाख श्रद्धालु इमाम हुसैन का शोक मना रहे हैं जबकि ईरान के सभी छोटे बड़े शहरों और गांवों में रविवार को सुबह की नमाज़ के बाद से मजलिस और जुलूस का सिलसिला जारी है।

हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार इराक़ के अन्य नगरों तथा विदेशों से आने वाले दसियों  लाख श्रद्धालु कर्बला में इमाम हुसैन का शोक मना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार शनिवार की शम तक लगभग चालीस लाख श्रद्धालु इमाम हुसैन का शोक मनाने के लिए कर्बला पहुंच चुके थे जिन्होंने आशूर से पहले वाली रात इमाम हुसैन, उनके भाई हज़रत अब्बास के रौज़ों तथा दोनों रौज़ों के बीच बड़े मैदान में नौहे, मातम और विशेष उपासनओं में बिताई। कर्बला में सुबह की नमाज़ के बाद शोक कार्यक्रम फिर आरंभ हो गए जो अब तक जारी हैं।

कर्बला के अलावा इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ और कूफ़े में भी रविवार को सुबह की नमाज़ के बाद से ही आशूर के विशेष शोक कार्यक्रम आरंभ हो गए और जुलूसों का तांता लग गया। हज़ारों श्रद्धालुओं ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम के रौज़े तथा मस्जिदे कूफ़ा में नमाज़े सुबह अदा करने के बाद सामूहिक रूप से कर्बला के लिए पैदल रवाना हुए।

इस्लामी गणतंत्र ईरान की राजधानी तेहरान सहित सभी छोटे बड़े शहरों और गावों में नमाज़े सुबह के बाद से ही आशूर के शोक कार्यक्रम आरंभ हो गए और जुलूस निकाले गए। बीच में नमाज़े ज़ोहर और अस्र के अंतराल के बाद मजलिस और मातम का क्रम पुनः आरंभ हो गया जो अब तक जारी है।

ईरान के पवित्र नगर मशहद में पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम का रौज़ा कल पूरी रात श्रद्धालुओं से छलकता रहा। उनकी बहन हज़रत फ़ातेमा मासूमा के रौज़े में भी आशूर से पहले वाली रात और फिर आशूर के दिन मातम, नौहे और मजिलसों का क्रम जारी रहा और पूरा वातावरण हुसैन हुसैन की आवाज़ों से गूंजता रहा।

क़ुम नगर में भार और पाकिस्तान के धार्मिक छात्रों ने भी जुलूस निकाला और उर्दू भाषा में नौहे पढ़ते और मातम करते हुए हज़रत मासूमा के रौज़े में गए जहां जुलूस समाप्त हुआ।

सीरिया में पश्चिमी देशों तथा क्षेत्र की रूढ़िवादी सरकारों का समर्थन प्राप्त आतंकवादी संगठनों के आक्रमणों की भय के बावजूद बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के रौज़े में एकत्रित होकर आशूर की रात नौहे और मजलिस में बिताई तथा आशूर को भी पूरा दिन शोक कार्यक्रम चलते रहे। सीरिया में आशूर के उपलक्ष्य में आयोजित मजलिसों में वक्ताओं ने इमाम हुसैन के आंदोलन के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला तथा कर्बला के संदेश की समीक्षा की। वक्ताओं ने देश में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को यज़ीदी तत्व ठहराया।

लेबनान में भी आशूर का दिन धार्मिक भावना और श्रद्धा के साथ मनाया गया। बैरूत और दक्षिण लेबनान के शहरों तथा गांवों में लोगों ने आशूर का शोक मनाया और साथ ही फ़िलिस्तीनी जनता से अपनी एकजुटता की घोषणा की।

पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, पूर्वी एशियाई देशों, मध्य एशियाई देशों, सीरिया, लेबनान, ओमान, संयुक्त अरब इमारात, सऊदी अरब, बहरैन, तुर्की, मिस्र तथा अन्य देशों में भी आशूर के उपलक्ष्य में नौहा, मातम और मजलिसों का सिलसिला जारी रहा।


source : irib.ir
0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

बग़दाद में शॉपिंग सेंटर के पास 2 ...
मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या पर ...
भाजपा विधायक ने फिर उगला ज़हर, ...
बरेलवी उल्मा ने सलमान नदवी को ...
सऊदी अरब की आले सऊद सरकार ने एक और ...
इस्राईल रच रहा है बश्शार असद की ...
तातारस्तान में केराअते कुरान ...
सीरिया में विस्फ़ोट, 25 लोग हताहत ...
इराक़ में आईएस गिन रहा है अपनी ...
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के ...

 
user comment