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Thursday 16th of January 2025
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कुमैल का चरित्र 2

कुमैल का चरित्र 2

लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान

किताब का नाम: शरहे दुआ ए कुमैल

इस लेख से पूर्व कुमैल के चरित्र मे हमने कहा कि वह अमीरुल मोमेनीन के महान शियो, आशिक़ो और प्रेमियो मे से थे।

मुद्दे, आदेश (सिफारिश) और वसीयते जो कि अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ने कुमैल से की है वह कुमैल की महान आस्था तथा अद्भुत पहचान है।

सुन्नी व शिया समप्रदाय के प्रोफ़ेसरो, महान विद्वानो ने कुमैल के दृढ आस्था, आत्मा की शक्ति, स्पष्ट सोच, पवित्र विचार, नैतिकता से पूर्ण होने तथा अच्छे कर्मो की प्रशंसा की है।

दोनो समप्रदाय (शिया, सुन्नी) के पुरनियो ने कुमैल के न्याय (अदालत), जलालत, महिमा और गरिमा पर सहमति बनाई है।

क़ामूसुर रेजाल के लेखक कुमैल की पुष्टि मे कहते हैः

सैय्यद इब्ने ताऊस जो कि बड़े विद्वानो मे से है उन्होने अपनी वसीयते कश्फुल्मोहज्जा[१] नामी पुस्तक जोकि अपने पुत्र के लिए लिखि उसमे कहाः नहरवान के युद्ध के पश्चात लोगो ने अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से उनके उत्तराधिकारी के सम्बंध मे प्रश्न किया, अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ने अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास को गवाही के लिए 10 विश्वासनीय व्यक्तियो के हाजिर करने का आदेश दिया, उन 10 व्यक्तियो मे से एक कुमैल थे के जिसको अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ने विश्वासनीय समझा।[२]

    

जारी



[१] कश्फुल्मोहज्जा, पेज 173

[२] क़ामुसुर रिजाल, भाग 8, पेज 600

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