Hindi
Monday 29th of July 2024
0
نفر 0

हज़रत दाऊद अ. और हकीम लुक़मान की बातचीत

एक दिन हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम कवच बना रहे थे कि उनके पास हकीम लुक़मान पहुंच गए। हकीम लुक़मान उनके पास ख़ामोशी से बैठ कर हज़रत दाउद को देखने लगे। काम ख़त्म होने पर हज़रत दाउद ने कहाः कितना अच्छा कवच है! सौ तलवारों का मुक़ाबला कर सकता है। उसके बाद उन्होंने हज़रत लुक़मान को देखते हुए पूछाः जानते हैं क्या है? लुक़मान हकीम ने कहाः जी हां। हज़रत दाऊद ने कहाः अगर जानते हैं तो बताएं? हकीम लुक़मान ने कहाः लोहे का लिबास जंगजुओं के लिए ताकि ज़ख़्मों से बचे रहें। हज़रत दाऊद ने कहाः यह बात आपने किससे सुनी, किसने आपको बताया? हकीम लुक़मान ने कहाः मेरे उस्ताद ने। हज़रत दाऊद ने कहाः आपका उस्ताद कौन है? हकीम लुक़मान ने जवाब दियाः मेरी ख़ामोशी।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

क़सीदा
क़ुरआन तथा पश्चाताप जैसी महान ...
शादी शुदा ज़िन्दगी
अपनी खोई हुई असल चीज़ की जुस्तुजू ...
उत्तरी कोरिया ने दी अमरीका को धमकी
ज़िन्दगी की बहार-
कफ़न चोर की पश्चाताप 3
अहलेबैत (अ) से मुहब्बत मुसलमानों ...
तालिबान और आईएस एक ही सिक्के के दो ...
इंटरनेट का इस्तेमाल जरूरी है मगर ...

 
user comment