पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
हे कुमैलः यह हृदय कंटेनर है, और उसमे सर्वाधिक अच्छा उसका रखरखाव करने वाला है, जो कुच्छ तुम्हे बताऊ उसे कंठित करो।
मनुष्य तीन प्रकार के हैः विद्वान, विधार्थी, एंव मख्खियो के समान प्रत्येक ध्वनि के पीछे जाने वाले तथा प्रत्येक हवा के अनुकूल चलते (हरकत करते) है, और ज्ञान के प्रकाश से रोशनी प्राप्त नही की है तथा मज़बुत आधार की शरण नही ली है।
हे कुमैल, ज्ञान धन (वेल्थ) से बढ़िया (बेहतर) है, क्योकि ज्ञान तुम्हारी रखवाली करता है और तुम धन की रखवाली करते हो। धन खर्च करने से कम होता है तथा ज्ञान खर्च करने से उसमे वृद्धि होती है। धन से किसी की भलाई करना धन के समाप्त होने के साथ भलाई भी समाप्त हो जाती है।
हे कुमैल, धार्मिक ज्ञान की मान्यता पर ही मनुष्य को पुरुस्कार दिया जाता है, ज्ञान की सहायता के साथ मनुष्य आज्ञा का पालन करता है तथा मृत्यु के पश्चात, उसका नाम अच्छाई से बुलाया जाता है। ज्ञान राज्यपाल (हाकिम) तथा धन महकूम है।
जारी