पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
इस से पहले लेख मे यह बात बताई थी कि जिस व्यक्ति के शरीर के मास मे हराम माल (अवैध वस्तुओ) से वृद्धि होगी, उस व्यक्ति का स्वर्ग मे प्रवेश अवैध है। एक दूसरी रिवायत जो इमाम अली से है आपके ज्ञान मे वृद्धि हेतु प्रस्तुत कर रहे है।
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से एक रिवायत हैः
مَنْ نَقَلَهُ اللهُ مِنْ ذُلِّ المَعاصى اِلى عِزِّ التَّقْوى اَغْنَاهُ بِلاَ مال وَاَعَزَّهُ بِلاَ عَشيرَة وَآنَسَهُ بِلاَ اَنيس
मन नक़ालहुल्लाहो मिन ज़ुल्लिलमआसी एला इज़्ज़ित्तक़वा अग़नाहो बेला मालिन वाअज़्ज़हू बेला अशीरतिन वा आनसहू बेला अनीसिन[1]
जिस व्यक्ति का ईश्वर ने पापो की ज़िल्लत से सम्मान की ओर हस्तांतरण किया, उसे बिना माल व दौलत के धनी बनाया तथा किसी जनजाति एवं क़बिले के बिना उसे इज़्ज़त दी, और बिना किसी सहायक के उसे सहायता प्रदान की।
عَن اَميرِالمُؤمِنينَ (عليه السلام ) : اَلدُّنيَا دَارُ مَمَرّ ، وَالنّاسُ فِيها رَجُلانِ : رَجُلٌ بَاعَ نَفْسَهُ فَاَوْبَقَها ، وَرَجُلِ ابْتَاعَ نَفْسَهُ فَاَعْتَقَها
अन अमीरिल मोमेनीना (अलैहिस्सलाम) अद्दुनियाओ दारो ममर्रिन, वन्नासो फ़ीहा रजोलानेः रजलुन बाआ नफ़सहु फ़औबक़ाहा, वरजले इबताआ नफ़सहु फ़अतक़ाहा।[2]
अमीरूल मोमेनीन -शिया समप्रदाय के प्रथम इमाम- (अलैहिस्सलाम) ने कहाः दुनिया एक मार्ग है जिसमे दो प्रकार के मानव हैः एक वह व्यक्ति जिसने स्वयं को दुनिया के लिए बेचा और स्वयं को नष्ट किया, तथा दूसरे व्यक्ति ने दुनिया को ख़रीदा जिस आधार पर स्वयं को दुनिया से स्वतंत्र कर लिया।
जारी