पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान
सूफ़ी आशिक़ और सूफ़ी मनुष्यो ने कुमैल की प्रार्थना को परिभाषित करते हुए दूसरी सभी प्रार्थनओ के बीच कुमैल की प्रार्थना का वही स्थान हो जो स्थान मनुष्य का दूसरे प्राणीयो के बीच जानते है, क्योकि मनुष्य को सबसे अच्छा प्राणी मानते है, कुमैल की प्रार्थना को सबसे अच्छी प्रार्थना मानते है इसी आधार पर इसको (इनसानुल अदया) अर्थात मानव की प्रार्थना कहते है।