पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह हुसैन अंसारीयान
अरबो आकाशी प्राणी, आकाशगंगा और वनस्पति, हैवानात, पशु पक्षी तथा धरती एंव समुद्र के डसने वाले असंख्य कीड़े मकोड़े, वायरस VIRUS और माईक्रोप MICROBE तथा ग़ैबी मोजूदात और वह स्वर्गीदूत जिन से धरती और आकाश भरा हुआ है। इन सब से कौन अवगत हो सकता है, तथा इनकी गणना कौन कर सकता है? कृपालु एंव दयालु ईश्वर ने अपनी बिनिहायत क़ुदरत एंव शक्ति से कुल्लो शैएन प्रत्येक चीज़ पर प्रभुत्व रखता है। कोई भी चीज़ उसकी शक्ति की सीमा रेखा से बाहर नही है तथा बाहर हो भी नही सकती है। आकाश के सितारे, आकाशगंगा तथा उसके गृह, सौरमंडल के बीच प्राणी जिन मे से कुछ का वज़न अरबो एंव खरबो टन बल्कि उससे भी अधिक है, बिना किसी स्तम्भ के लटके हुए है, तथा अपनी निर्धारित गति के साथ अपने समय पर चक्कर लगा रहे है और अरबो वर्षो से गति की स्थिति मे है यह सब ईश्वर की पूर्णशक्ति से सुरक्षित है।
जारी