वरिष्ठ नेता ने ईरान के भविष्य को उज्जवल और क्षेत्र सहित दुनिया में उसका आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ने की बात कही है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने बुधवार को छात्रों और मेधावियों के एक समूह से मुलाक़ात में, नॉलिज बेस्ड कंपनियों को मज़बूत अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभों में बताया और कहा कि समाज के क्रान्तिकारी प्रयास, जवान मेधावियों की उपस्थिति, नारों और लक्ष्यों की बर्कत से ईरान का भविष्य रौशन है और क्षेत्र सहित दुनिया मे उसका आध्यात्मिक प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा।
उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि दुश्मन जीवित क्रान्तिकारी नारों व उद्देश्यों के कारण क्रोधित है, कहा कि वैज्ञानिक उपलब्धियों को नकारना तथा जवानों को हतोत्साहित करना, देश के साथ ग़द्दारी है।
वरिष्ठ नेता ने दुनिया के 200 देशों में वैज्ञानिक स्थान की प्राप्ति को इस्लामी क्रान्ति की उपलब्धियों में गिनवाया और कहा कि आज ईरान ऐसी हालत में विज्ञान के उच्च स्थान पर पहुंचा है कि पिछले तीन दशक से ज़्यादा समय से उसे राजनैतिक दबाव, आर्थिक प्रतिबंध और थोपे गए युद्ध का सामना रहा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने देश के जवान मेधावियों से विदेश जाने के बजाए देश में रहने की अनुशंसा की और कहा कि ख़ुद को विदेश के लालची व निर्दयी समाजों के हवाले करने के बजाए, देश की नब्ज़ को अपने हाथ में लीजिए और उसके ढांचे को सही कीजिए।
उन्होंने जवानों से पश्चिम से प्रभावित न होने की अपील की और कहा,“ हालांकि पश्चिम ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत तरक़्क़ी की है किन्तु इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए क्योंकि ईरानी जवानों में क्षमता इससे कहीं ज़्यादा है और मौजूदा जवान पीढ़ी महा वैज्ञानिक उपलब्धियां हासिल कर सकती है तथा देश की वैज्ञानिक स्वाधीनता के आधार को मज़बूत कर सकती है।”
वरिष्ठ नेता ने बल दिया कि जब तक ईरान में क्रान्तिकारी विचार व प्रयास जारी हैं, उस वक़्त तक ईरान की प्रगति होती रहेगी और क्षेत्र सहित दुनिया में उसका अध्यात्मिक प्रभाव बढ़ता ही जाएगा।(MAQ/N)
source : irib