हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने कहा है प्रतिरोध के जियालों की सराहना करते हुए कहा है कि जब तक प्रतिरोध का मोर्चा है दुश्मन ख़ुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर सकता।
रविवार को सय्यद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि प्रतिरोध के मोर्चे ने अपने जियालों के बलिदान से अनेक कामयाबियां हासिल कीं हैं। उन्होंने बल दिया कि आतंकियों से मुक़ाबले में अपने कमान्डरों की शहादत के बावजूद हिज़्बुल्लाह आंदोलन जारी रहेगा।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव ने अतिग्रहित फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में तनाव और इस्राईल की ओर से भड़कायी गयी हिंसा की नई लहर के बारे में कहा कि सभी पक्षों को अतिग्रहणकारी तेल अबिब शासन के ख़िलाफ़ पीड़ित फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के इन्तेफ़ाज़ा आंदोलन का साथ देना चाहिए।
उन्होंने प्रतिरोध को फ़िलिस्तीन को अतिग्रहण से निकालने का एकमात्र रास्ता बताया। हसन नसरुल्लाह ने कहा कि फ़िलिस्तीनियों की नई नस्ल प्रतिरोध, आत्म-सम्मान और मस्जिदुल अल-अक़्सा पर भरोसा करती है और वह चाक़ू से टैंकों और सिपाहियों से लड़ सकती है।
लेबनान के प्रतिरोध आंदोलन के महासचिव ने मध्यपूर्व में तकफ़ीरी षड्यंत्र का उल्लेख किया और कहा कि अगर दाइश सहित दूसरे आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध के जियालों की दृढ़ता न होती तो आज क्षेत्र के हालात इससे कहीं ज़्यादा ख़राब होते।
उन्होंने यमन पर सऊदी अरब के अतिक्रमण की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब सऊदी, यमन के प्रतिरोध को ख़त्म करने में सफल हो गए तो वहां पर अलक़ाएदा और तकफ़ीरी तत्वों की आतंकी गतिविधियां बढ़ जाएंगी। (MAQ/N)
source : irib