बहरैनी सैनिकों ने एक बार फिर देश में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के श्रद्धालुओं के जूलूस पर ज़हरीली आंसू गैस से हमला किया।
अलवेफ़ाक़ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, बहरैन के मुसलमानों ने, सैनिकों द्वारा मुर्रहम के बैनरों और पोस्टरों को उतारने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद सैनिकों और जूलूस में शामिल लोगों के मध्य झड़प शुरु हो गयी। बहरैनी सैनिकों ने इसी प्रकार मोहर्रम के आरंभ होते ही इस देश की मुसलमान जनता के विरुद्ध अपनी शीया विरोधी कार्यवाहियों को तेज़ कर दिया है और सैनिकों ने इमामबाड़ों, सबीलों और घरों पर लगे बैनरों और अलमों को उतार दिया जिसके कारण बहरैनी जनता में व्यापक स्तर पर आक्रोश व्याप्त है।
यह ऐसी स्थिति में है कि बहरैन की मानवाधिकार परिषद के प्रमुख यूसुफ़ रबीअ ने इन कार्यवाहियों की निंदा करते हुए कहा कि जनता और प्रशासन के मध्य भीषण तनाव, इस बात का सूचक है कि बहरैनी शासन, जनता से किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए तैयार नहीं है।
बहरैन की मानवाधिकार परिषद ने घोषणा की है कि मोहर्रम के महीने में बहरैनी प्रशासन के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिवेदक हैनर बेल वैलडेट से ग्यारह शिकायतें की गयी हैं। यह शिकायत ऐसी स्थिति में की गयी हैं कि मानवाधिकार की अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, बहरैन में जारी मानवाधिकार के घोर हनन पर मौन धारण किये हुए हैं। (AK)
source : irib