इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि महाशक्तियों के सामने सिर झुकाए बिना, परमाणु चुनौती को पार कर लेना, ईश्वरीय परीक्षा थी।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर हसन रूहानी ने कहा है कि हम ने कोई महत्वपूर्ण विशिष्टता नहीं दी और जो हमारा अधिकार था और जिसे हम प्राप्त करना चाहते थे उसे प्राप्त करने में सफल हुए।
राष्ट्रपति ने बुधवार की शाम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की एक शोक सभा में अपने भाषण में कहा कि हालिया वर्षों में ईरानी राष्ट्र के सामने जो बड़ी परीक्षाएं आईं उनमें से एक यह परमाणु मामला था।
राष्ट्रपति ने कहा कि जहां तक इस बात का सवाल है कि हम ने सिर झुकाए बिना, परमाणु मामले की इस चुनौती को ख़त्म कर दिया तो निश्चित रूप से यह ईश्वरीय परीक्षा थी और यह समस्या, थोपे गये युद्ध की भांति थी कि जिसके दौरान, ईरानी राष्ट्र, एक ओर और दूसरी ओर पूरी दुनिया थी किंतु इस राष्ट्र ने इमाम खुमैनी(रह) के साहस, देश के युवाओं की शक्ति व संकल्प तथा इमाम हुसैन की जीवनी से प्राप्त पाठ के बल पर उस ईश्वरीय परीक्षा में भी गौरव के साथ सफलता प्राप्त की।
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान समय में भी परमाणु मामले के रूप में ईरानी राष्ट्र को एक बड़ी परीक्षा देनी पड़ी लेकिन यह राष्ट्र इस परीक्षा के सामने भी डरा नहीं और सभी समस्याओं और कठिनाइयों के सामने डट गया और इस मामले के समाधान के लिए अपने अत्याधिक दक्ष, वार्ताकारों को आगे बढ़ाया।
राष्ट्रपति ने कहा कि कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि हम ईरान के विरुद्ध पारित किये गये सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्तावों को निरस्त कराने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि बहुत से देश यहां तक कि कुछ बड़ी शक्तियां भी यह कल्पना नहीं कर सकती थीं कि हम एक दिन सभी प्रतिबंधों को समाप्त कराने में सफल हो जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सभी दलों को राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखना चाहिए और प्रतिबंधों के व्यवहारिक रूप से ख़त्म होने का इंतेज़ार करना चाहिए।(Q.A.)
source : irib