मिस्र के दारुल फ़त्वा अर्थात फ़त्वा केन्द्र ने शिया मुसलमानों की मस्जिदों पर हमले को हराम घोषित किया है।
मिस्र के दारुल फ़त्वा ने आईएसआईएल या दाइश की ओर से मुसलमानों की मस्जिदों और उपासन स्थलों पर हमलों की निंदा करते हुए शिया मुसलमानों की मस्जिदों पर हमले को हराम घोषित किया है। रसा न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार, मिस्र के दारुल फ़त्वा ने दाइश द्वारा मस्जिदों को ध्वस्त करने और उसपर हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की। दारुल फ़त्वा ने बल दिया है कि उपासना स्थलों पर हमले करना हराम है।
यह फ़तवा, दाइश के मुफ़्ती अबू लैस कनानी के उस भाषणा के बाद आया जिसमें उन्होंने शिया मुसलमानों की मस्जिदों को मूर्तिस्थल की संज्ञा दी थी और सऊदी अरब के नजरान में शिया मुसलमानों की समस्त मस्जिदों पर हमलों को अनिवार्य बताया था। मिस्र के दारुल फ़त्वा ने कहा है कि शिया मुसलमानों की मस्जिदें भी सुन्नी मुसलमानों की मस्जिदों की भांति हैं और शिया मुसलमानों की मस्जिदों पर हमले करना या उन्हें ध्वस्त करना वैध नहीं है।
फ़त्वे में कहा गया है कि मस्जिदों का सम्मान, उसमें ईश्वरीय निशानियों को अंजाम देना, मस्जिदों की रक्षा और उसके पुनर्निमाण का प्रयास करना, इस्लाम का आदेश है जो सभी लोगों पर लागू होता है। मिस्र के दारुल फ़त्वा की ओर से जारी फ़त्वे में कहा गया है कि मस्जिद, उपासना स्थल है और इसे मूर्तिस्थल की भांति बताना ईश्वर का अपमान है। दारुल फ़त्वा की ओर से जारी बयान के अनुसार मस्जिद को किसी भी प्रकार से नुक़सान पहुंचाना, धरती पर दंगा-फ़साद फैलाने की श्रेणी में आता है क्योंकि मस्जिद अल्लाह का घर है और मस्जिद को शिया तथा सुन्नी मुसलमानों में बांटना किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। (AK)
source : irib