अमरीका में बढ़ते इस्लामोफ़ोबिया के बीच टेक्सस राज्य के ह्यूस्टन शहर के फ़ायर डिपार्टमंट ने बताया कि इस शहर में शुक्रवार को मस्जिद में आग लगने की घटना संयोगवश नहीं बल्कि जान बूझ कर आग लगाने की घटना है।
ह्यूस्टन के फ़ायर डिपार्टमंट ने शनिवार को कहा कि ग्रेटर ह्यूस्टन की इस्लामी सोसायटी के केन्द्र में लगी आग भड़काउ क़दम था जिसका अर्थ है कि यह न तो संयोगवश घटने वाली और न ही किसी प्राकृतिक कारण से लगने वाली आग थी।
शुक्रवार को क्रिस्मस के मौक़े पर स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर आग लगी। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ किन्तु घटना से एक घंटा पहले मस्जिद में लगभग 200 लोग मौजूद थे।
इससे पहले अमरीका के शराब, तंबाकू, हथियार और विस्फोटक ब्यूरो ने कहा था कि यह आग की घटना संदिग्ध लग रही है क्योंकि कई बिन्दु से आग लगी है। इस घटना की ह्यूस्टन पुलिस विभाग और एफ़ बी आई जांच कर रही है।
अमरीका में अमरीकी-इस्लामी संबंध परिषद ने प्रशासन से इस बात की जांच करने की मांग की है कि कहीं आग लगने की घटना घृणा अपराध तो नहीं है। इस परिषद ने अपनी मांग के पक्ष में अमरीका में हाल में मस्जिदों को निशाना बनाने के घृणत अपराध का उल्लेख किया।
अमरीका के कैलीफ़ॉर्निया राज्य के कोचिला शहर में 11 दिसंबर को एक मस्जिद में जान बूझ को आग लगायी गयी थी जिससे मस्जिद को नुक़सान पहुंचा था।
इसी प्रकार एरीज़ोना और जॉर्जिया में भी मस्जिदों में तोड़-फोड़ की घटनाएं हुयी थीं।
ज्ञात रहे पेरिस और कैलीफ़ॉर्निया में शूटिंग की घटनाओं के बाद अमरीका में मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा अपराध बढ़ गए हैं।
source : abna24