शहज़ादी फ़ातिमा ज़हरा जब क़यामत के मैदान महशर में आऐंगी, तो ऐक आवाज़ आऐगी ऐ अहले महशर अपनी नज़रें झुका लो मेरी कनीज़े ख़ास की सवारी आ रही है. उस वक्त शान यह होगी कि पैगंबर(अ) मैदाने क़यामत मे अपनी बेटी की सवारी का स्वागत करेंगे,जिब्रईल दाऐं ओर,मीकाईल बाऐं ओर अमीरूल-मोमनीन अली इब्ने अबी तालिब (अ) आ
शहज़ादी फ़ातिमा ज़हरा जब क़यामत के मैदान महशर में आऐंगी, तो ऐक आवाज़ आऐगी ऐ अहले महशर अपनी नज़रें झुका लो मेरी कनीज़े ख़ास की सवारी आ रही है. उस वक्त शान यह होगी कि पैगंबर(अ) मैदाने क़यामत मे अपनी बेटी की सवारी का स्वागत करेंगे,जिब्रईल दाऐं ओर,मीकाईल बाऐं ओर अमीरूल-मोमनीन अली इब्ने
अबी तालिब (अ) आप के आगे आगे और जन्नत के जवानों के सरदार इमामे हसन(अ)
और इमाम हुसैन(अ) आप के के पीछे होंगे.और इस शान से महशर में आऐंगी कि महशरवासी हैरान रह जाऐंगे,ऐक आवाज़ आऐगी अहले महशर से आप काी पहचान कराई जाऐ ताकि जन्नत मे लेजाया जाऐ फिर ख़ुदा का हुक्म होगा ऐ मेरी ख़ास बंदी आज आप की हर इच्छा पूरी की जाऐगी जो अनुरोध करना चाहती हो करो, उस वक़्त आप जवाब देंगी तू ही मेरा सबसे बड़ा सपन
source : alhassanain