अंतरराष्ट्रीय टीम: लेबनानी जमीअते मुस्लिम विद्वानों ने बल दिया, इस्तांबुल में इस्लामी सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन, इस्लामी उम्मा के बीच की खाई बढ़ने का कारण हहुआ है।
अंतरराष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) अल आलम न्यूज नेटवर्क के हवाले से, लेबनानी मुस्लिम विद्वानों ककी जमीअत ने इस्तांबुल में सहयोग संगठन की बैठक के माहौल और उस पर डाले गए दबाव की निंदा की।
एक बयान में जमीअत ने बल दिया: बहुत दुखद है कि उम्मत की स्थिति इस हद तक पंहुच जाऐ कि फिलीस्तीनी लोगों की सेवा करने में निर्णय ने में असमर्थ हो।
इस बयान में आया है: हमे उम्मीद नहीं थी कि सहयोग संगठन का बैठक में निर्णय दबाव और खतरों के मुनासिब जो कि राष्ट्र के सामने हैं लेगा; लेकिन, यह शिखर वार्ता सामने से ऐसे काम न करती जिस से इस्लामी उम्मा के बच्चों के बीच अंतर को बढ़ावा मिले और उनको विभिन्न धर्मों और जातीयता श्रेणी मेंबांट दे।
लेबनान के मुस्लिम मौलवियों की जमीअत ने यमन के खिलाफ ज़ालेमाना युद्ध के अंत और एक शांतिपूर्ण समाधान तथा इस देश में राजनीतिक परिदृश्य में इस देश की के लोगों के सभी अलग अलग तबके की उपस्थिति को सुनिश्चित करने क मांग की।
source : iqna