अभी के अभी हुसैन दे दे जो रन की रज़ा अभी के अभी....... यज़ीद कर दूँ तेरा फेँसला अ
अभी के अभी
हुसैन दे दे जो रन की रज़ा अभी के अभी.......
यज़ीद कर दूँ तेरा फेँसला अभी के अभी......
अली का शेर हूँ, अब्बास नाम है मेरा
चलेगी साथ मेरे अल्कमा अभी के अभी......
तपिश निचोड़ दूँ बढ़कर सुलगते सूरज से
फ़लक़ पे आऐगा इक ज़लज़ला अभी के अभी.....
मुजे मिली न इजाज़त ही जंग की वरना
अतापता ही न मिलता तेरा अभी के अभी....
न पूछ मेरी जलालत, मेरा जलाल न पूछ
उलट के रख दूँ मैँ ये करबला अभी के अभी..
source : alhassanain