![संयुक्त राष्ट्र, बहरैन की शाही सरकार की अमानवीय कार्यवाहियों को रुकवाने में विफल। संयुक्त राष्ट्र, बहरैन की शाही सरकार की अमानवीय कार्यवाहियों को रुकवाने में विफल।](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2016/07/89598_429143_m.jpg)
अहलेबैत समाचार एजेंसी अबनाः प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बहरैन की शाही सरकार अपनी अमानवीय कार्यवाहियों को लगातार जारी रखे हुए है जबकि संयुक्त राष्ट्र सहित सभी वैश्विक संस्थाओं ने इन अत्याचारों को रुकवाने के सम्बंध में केवल बयान जारी करने पर ही संतोष किया है। बताया जाता है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था ने अलविफ़ाक इस्लामिक पार्टी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाने पर शोक व्यक्त करते हुए बहरैन की शाही सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
बहरैन में जारी जनांदोलन छाछठवें महीने में प्रवेश कर गया है। शाही प्रणाली के पतन और देश में सार्वजनिक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए चौदह मार्च साल दो हज़ार ग्यारह से बहरैनी जनता बहुत ही शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही हैं। बहरैन की शाही सरकार जो गैर स्थानीय होने के साथ ही अल्पमत में है, सार्वजनिक लोकतांत्रिक आंदोलन को बहुत ही कड़ाई से कुचलने की नीति अपनाए हुए और सभी क्षेत्रीय और वैश्विक नियमों का हनन कर रही है। प्रदर्शनकारियों पर हिंसा, कैदियों को यातनाएं पहुंचाने, लोगों से नागरिकता छीनने, निर्वासन, लोगों को उनके नागरिक अधिकारों और बच्चों को स्कूलों से वंचित करने जैसी कार्यवाहियां वैश्विक समझौतों से उल्लंघन की श्रेणी में आती हैं। इसके अलावा बहरैन की शाही सरकार विचार अभिव्यक्ति और धार्मिक संस्कारों पर पाबंदी सहित सभी मानवीय कानूनों के उल्लंघन की दोषी है लेकिन इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने या तो चुप्पी साध रखी है या कमजोर सी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यही कारण है कि बहरैन की शाही सरकार किसी प्रकार का लिहाज़ किए बिना देश में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन कर रही है।
source : abna24