शिया ओलमाए हिन्द ने ज़ायोनी राष्ट्रपति के भारत दौरे का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि रूवेन रिवलिन की भारत यात्र देश के लिए कलंक है।
मजलिसे ओलमाए हिन्द के मसासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने भारत में दौरे पर आए ज़ायोनी राष्ट्रपति के आगमन का विरोध किया और कहा कि हमारे देश की सरकार द्वारा इस्राईल जैसे अत्याचारी शासन के राष्ट्रपति का स्वागत करने से भारत जैसे इंन्सान दोस्त देश की छवि दाग़दार होती है।
भारत में शिया धर्मगुरूओं की परिषद मजलिसे ओलमाए हिन्द ने एक आपातकाल बैठक बुलाकर नाईजीरिया में शिया मुसलमानों के जनसंहार, करबला में हुए आत्माघाती हमले और पाकिस्तान में दरगाह शाह नूरानी पर हुए हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
बुधवार को आयोजित हुई भारत के शिया धर्मगुरूओं की परिषद की बैठक में दुनिया भर में शिया मुसलमानों की हो रही टारगेट किलिंग, इमामबाड़ों व मस्जिदों पर हो रहे आतंकवादी हमलों और भारत में ज़ायोनी राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन के आगमन के ख़िलाफ़ काफ़ी रोष दिखाई दिया।
बैठक में मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि नाईजीरिया में शिया मुसलमानों पर जो अत्याचार हो रहा है उसमें सऊदी अरब की आर्थिक मदद और हथियार शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि नाईजीरिया में शिया मुसलमानों का जनसंहार जारी है और साथ ही वहां के वरिष्ठ धर्मगुरूओं पर भी अत्याचार किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन मूकदर्शक बने हुए हैं। मौलाना ने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि अफ़सोस है कि नाईजीरिया में मानवता के जनसंहार पर दुनिया चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में मुसलमान और विशेषकर शिया मुसलमान को आतंकवाद का निशाना बनाया जा रहा है।
मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव ने कहा कि पवित्र नगर करबला में इमाम हुसैन (अ.) के श्रद्धालुओं सहित पवित्र इमारतों को आतंकवादी निशाना बना रहे हैं, पाकिस्तान में मजलिसों पर हमले हो रहे हैं, सुफ़ी मुसलमानों की दरगाहों पर तकफ़ीरी आतंकवादी हमले कर रहे हैं लेकिन पूरी दुनिया तमाशाई बनी देख रही है।