मज़लूम के लिये यूँ दिलासा हुसैन है।
कटवाके सर जो जीतने वाला हुसैन है।
सूखे गले को काट ना पाई सितम की धार
बतला रही हैं आयतें जिन्दा हुसैन है।
सज्दे को तूल दे दो हबीबे खुदा ज़रा
हुक्मे खुदा है पुश्त पे बैठा हुसैन है।
औक़ात तेरी तुझको दिखाने के वास्ते
शफ्फाफ आईनो को यूँ लाया हुसैन है।
आतंकवादी कोई शिया हो नही सकता
इस क़ौम का तो रहनुमा मौला हुसैन है।
बिदअत बताने वाले ग़मे शह को जान ले
दुनिया से सीधा ख़ुल्द को रस्ता हुसैन है।
बन्दर नचाने वाले ख़लीफा संभल भी जा
दीने नबी बचाने को निकला हुसैन है।
ज़हरा के लाल की न घटा पाओगे अज़मत
होकर भी क़त्ल नैजे पे ऊचा हुसैन है।
अहमद चलाया हल्क़ पे जिस दम लईन ने
खंजर भी कह उठा बडा प्यासा हुसैन है।