रिपोर्ट के अनुसार इन ४ देशों में लाखों लोग कुपोषण से पीड़ित हैं तथा भुखमरी की कगार पर है। अतीत में मानव सहायता में वृद्धि के बावजूद यह सब इस आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के आधार पर २०१७ में यमन में मानव सहायतार्थ कार्यों के लिए दान दाताओं ने २.१ मिलियन डॉलर दान किये हालाँकि की यह बजट यमन के १ साल के लिए पर्याप्त था लेकिन इस धन को विश्व भर में सहायता के लिए खर्च किया जाता है जिसकी कुल लागत २२.१ मिलियन डॉलर है।
ऑक्सफेम संगठन के विशेषज्ञों के अनुसार राहत कोष में यह बढोत्तरी पर्याप्त नहीं है। क्योंकि विश्व भर में संकट बढ़ा है, इथोपिया, केन्या में लाखों लोगों के भोजन का स्रोत नहीं है। यमन में भी जंग, गरीबी और अस्थिरता के कारण भुखमरी का संकट गहरा गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन देशों में एक अभूतपूर्व मानवीय स्थिति का सामना करना पड़ेगा। साउथ सूडान में मानव सहायता की यथाशीघ्र आवश्यकता है लेकिन सुरक्षा कारणों से कोई सहायता युद्ध पीड़ित लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है ।