फिलिस्तीन प्रतिरोधी आंदोलन के नेताओं ने रियाज़ में अमेरिका - अरब सम्मलेन के बाद एक आपातकालीन मीटिंग करते हुए इस सम्मलेन और अरब अमेरिका के संयुक्त बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस सम्मलेन में फिलिस्तीन संकट से निपटने की बातों ने हमें चौकन्ना कर दिया है तथा यह हमे संगठित करने में सहयोग करेगा । अवैध राष्ट्र अमेरिका और सऊदी अरब जैसे अपने एजेंटों की मदद से फिलिस्तीन आंदोलन को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रहा है और यह बात ट्रम्प ने अपनी यात्रा से पहले भी कही थी कि इस यात्रा का उद्देश्य अरब और इस्राईल संबंधों को सामान्य बनाना है । फिलिस्तीन जनमोर्चा के नेता हानी अल सवाबिता ने कहा कि हम इस यात्रा का स्वागत नहीं करते क्योंकि इस यात्रा का उद्देश्य कुछ अरब देशों और इस्राईल के सामान्य संबंधों की आड़ में फिलिस्तीनी सपनों की बर्बादी है। हम दुनिया भर में रह रहे फिलिस्तीनी लोगों और नेताओं से अपील करते हैं कि वह इस षड्यंत्र पर गहरी नज़र रखें और अपनी घर वापसी सुनिश्चित करें । इस यात्रा से सबसे अधिक लाभ अवैध राष्ट्र को मिलना है क्योंकि अमेरिका ने हमसे पूर्व की भांति दुश्मनी जारी रखी है एवं अवैध राष्ट्र का सहयोग करता रहा है । इस्लामिक जिहाद आंदोलन के नेता खालिद अल्बतश ने कहा है कि अरब राष्ट्र पुरानी गलतियों को न दोहराये जब उस्मानिया सल्तनत के खिलाफ ब्रिटिश का साथ देने के नतीजे में अवैध राष्ट्र ने जन्म लिया था। हमें याद रहे कि ईरान इस्लामी राष्ट्र और मुसलमानों का शत्रु नहीं हैं बल्कि अवैध राष्ट्र और उसका सहयोग करने वाले इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मन हैं ।