अबनाः पति-पत्नी में से हर एक में संभव है कोई खास नैतिक बुराई पाई जाती हो जो उसके जीवनसाथी की नाराजगी और दुख का कारण बने इस अवसर पर सबसे बड़ी खराबी यह है कि पति-पत्नी में से कोई एक अपने बच्चों के सामने दूसरे की बुराई करें क्योंकि मां बाप का वजूद बच्चों की जिंदगी है अगर बाप बच्चे के लिए मजबूत किला है और शक्ति का केंद्र है तो मां उसकी भावनाओं की कद्रदान है इसलिए बच्चे के सामने मां बाप में से किसी का अपमान वास्तव में उसकी भावनाओं के केंद्र और आत्मविश्वास के मजबूत किले को गिराने के समान है।
इसी तरह जब मां बाप में से कोई एक बच्चे के सामने दूसरे की आलोचना करता है तो वास्तव में बच्चे के अंदर अपमान और मां-बाप की बात ना मानने की भावना को मजबूत करता है इसलिए कुछ समय बाद उस घर में न तो बाप का सम्मान रहेगा और ना ही मां की कोई इज्जत बाकी बचेगी।
इसलिए विवाहित लोगों को इस बात की तरफ ध्यान देने की सख्त जरूरत है कि वह केवल जीवनसाथी ही नहीं बल्कि अपने बच्चों के लिए मां या बाप भी हैं इसलिए जीवनसाथी के तौर पर अपमान और तौहीन कहीं दूसरी भूमिका (यानी मां बाप होने) को भी न प्रभावित कर दे।