दुआए कुमैल
कुमैल इब्ने ज़ियाद नाखे, अमीरुल मुमेनीन इमाम अली (अस) इब्ने अबी तालिब के एक विश्वासपात्र सहाबियों में से थे! यह दुआ पहली बार उन्हों ने हजरत अली (अस) से उनकी खूबसूरत मगर गिदगिड़ाती हुई आवाज़ में सूना था! अल्लामा मजलिसी के अनुसार जनाब कुमैल ने 15 शाबान को बसरा की एक मस्जिद की सभा में यह सुना था! हज़रात अली (अस) ने कहा था की जो भी इस रात में जागे और इस दुआए खिज्र को पढेगा उसकी दुआ ज़रूर कबूल होगी! जब मस्जिद की सभा समाप्त हो गयी और लोग अपने घरों को चले गए तो जनाबे कुमैल हजरत अली (अस) के घर गए और उन से अनुरोध किया के वोह दुआए खिज्र को ज्यादा समझना चाहते हैं! इमाम अली (अस) ने कुमैल को बैठने के लिए कहा और दुआ पढ़ कर उन्हें याद करने को कहा!
तब इमाम अली (अस) ने कुमैल को सलाह दी की इस दुआ को हर जुमा के पहले वाली रात (शबे जुमा) को, या महीने में एक बार, या साल में एक बार या ज़िंदगी में एक बार पढो ताकी अल्लाह तुम्हे बुराईओं और तुम्हारे दुश्मनों से तुम्हे बचाए! हजरत अली (अस) ने कहा के मै यह दुआ , तुम्हारी समझदारी और दोस्ती की वजह से तुम्हे देता हूँ! तभी से यह दुआ "दुआए कुमैल" के नाम से जानी जाती है!
बिस्मिल्ला हीर रहमा नीर रहीम
अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलोका बे रहमतेकल लती वसे'अत कुल्ले शै'ईन
व बे क़ुव्वते'कल लती क़हरता बेह कुल्ले शै'ईन
व खज़ा'अलहा कुल्लो शै'ईन
व ज़ल्ला लहा कुल्लो शै'ईन
व बे-जबरूतेका अल'अल'लती ग़लब'ता बहा कुल्ला शै'ईन
व बे इज़'ज़तेकल लती ला'यक़ुमो लहा शै'युन
व बे'अज़मतेकल लती मलाता कुल्ला शै'ईन
व बे-सूल्तानेकल लज़ी अला कुल्ले शै'ईन
व बे वजहेकल बाक़ी बादा फनाए कुल्ला शै'ईन
व बे-अस्मा एकल लती मला'अत अरकाना कुल्ला शै'ईन
व बे इल्मेकल लज़ी अहाता बेका कुल्ला शै'ईन
व बेनूरे वज हेकल लज़ी अज़ा अलाहू कुल्लो शै'ईन
या नूरो या क़ूद'दूसो
या अव्वल अल अव्वालीना
व या आखिरल अखेरीना
अल्लाहुम्मा अग़ फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तह्ते'कल असम
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तुनज़े'लुल ने'क़म
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तो'गैय्योरूल ने'अम
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तहब'बेसद दोआ'अ
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तक़ता'उर रजा'अ
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले अज़'ज़ुनुबल लती तुन्ज़े'लुल बला'अ
अल्लाहुम्मा अग़'फिरले कुल्ला ज़मबिन अज़'नब्तोहूँ व कुल्ला ख़ती'अतिन अख़'तातोहा
अल्लाहुम्मा इन्नी अताक़र'राबो इलैका बे'ज़िक्रेका
वस्'तश-फ़ेओ बेका इला नफ़सेका
व अस अलोका बे'जूदेका व करामेका अन तुद'नेयानी मिन क़ुरबेका
व अन तुज़े'अनि शुक'रका
व अन तुल'हेमनी ज़िक'रका,
अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलोका सो'अला खज़े-ईम मूताज़ोल'ईल खाशे ईन मतज़र'रे ईन अन तुसा मे'हनी व तर'हमानी
व तज'अलनी बे'क़स मेका राज़ियन क़ाने अन व फ़ी जमी'ईल अहवाले मूतावाज़े'अन
अल्लाहुम्मा इन्नी अस'अलोका सो'अला मनी अश्तद'दत फ़ा'क़ातोहु
व अन्ज़ेला बिका इन्दा अश'शदाएदे हाजातोहू
व अज़ोमा फ़ीमा इन्दाका रग़'बातोहू
अल्लाहुम्मा अज़ोमा सूल्तानोका व अला'मकानोक
व ख़ा'फ़े या मक्रोका व ज़हरा अम्रोका
व ग़लबा क़हरोका व जरत क़ूद'रतोका
व'ला यूम्केनूल फ़िरारो मिन हूकूमतेका
अल्लाहुम्मा ला अजिदो ले'ज़नूबी ग़ा'फेरन
व ला ले क़बा'एही सातेरन
व ला ले'शैईम मनं अमलिल क़बीहींन बिल हस्ने मूबद'देलन ग़ैराका
ला इलाहा इल्ला अन्ता
सूभानाका व बे'हम्देका
ज़लम्तो नफ़सी
व तजर'रतो बेजहली
व सकन्तो इला क़दीमे ज़िक्रेका ली व मिन'नका अल्य्या
अल्लाहुम्मा मौलाया
कम'मिन क़'बिहे सतर तहों
व कम मिन फ़ादेहीम मिनल बलाए अक़ल'तहू
व कम मिन इसरिन व'क़ियतोहु
व कम मीम मकरूहिन दफ़'अताहू
व कम मिन सना'ईन जमीलिल लस्तो अहलल लहू नशर'ताहू
अल्लाहुम्मा अज़ोमा बला'ई
व अफ़र'ता बी सू'ओ हाली
व क़सोरत बी अमाली
व क़'अदत बी अग़'लाली
व हबसनी अन नफ़ी बो'दो अमाली
व ख़दा अतानिद दून्या बे'ग़ोरूरेहा व नफ़'सी
बे-जिना'यातेहा व मिताली
या सैय्यादी फ़'अस अलोका बे'इज्ज़तेका अल'ईअ यह्जोबा अनका दुआ'ई सू'ओ अमली व फ़े'आली
व ला तफ़'ज़हनी बे'ख़फ़ीयो मत'तला'ता अलैहे मिन सिर्री
व ला तो'अ जिलनी बिल'ओक़ू'बते अला मा अमिल'तोहू फ़ी'ख़लावाती
मिन सू'ए फ़ैली व इसा'अती
व दवामे तफ़'रीति व जहालती
व कस'रते शहावाति व ग़फ़लती
व कुन अल्लाहुम्मा बे इज़'ज़तेका ली'फ़ी कुल्'अल अहवाले रऊफन
व अल्य्या फ़ी जमी'ईल ओमुरे अतूफ़ंन
इलाही व रब्बी मल'ई गै'रोका अस'अलोहू कशाफा ज़ोर्री वन नज़ारा फ़ी अमरी
इलाही व मौलाई अज'रैता अल्य्या हूकमा नित तबा'तो फ़ीहे हवा नफ़्सी
व लम अह्तरिस फ़िहे मिन तज़'इने अदू'वी
फ़ग'अररानी बेमा अहवा व अस'अदाहो अला ज़ालेकल क़ज़ा'ओ
फ़'तजा'व्ज़्तो बे'माजरा अल्य्या मिन ज़ालेका बा'ज़ा हुदूदेका
व ख़'लोफ़्तो बा'ज़ा अवमिरेका
फ़'लकल हुज्जतो अलैय्या फी जमी'ए ज़ालिका
व ला हूज्जता लीफ़ीमा जरा अल्य्या फ़ीहे क़ज़ा'ओका
व अल्ज़मानी हूक'मोका व बला'ओका
व क़द आतै'तोका या इलाही बा'दा तक़सीरी व इस्राफ़ी अला नफ़'सी
मो'ताज़ेरण नादेमम
मुन'कसेरम मूस्ता'क़ीलम
मूस्तग़'फेरम मोनीबम
मोक़िर'रम मुज़'एनम मो'तरेफ़न
ला अजेदो मफ़र'रम मिम्मा काना मिन्नी
व ला मफ़ज़ा'अन अतावज'जहू इलैहे फ़ी अमरी
गैरा क़बूलेका ओज़री व ईद'ख़लेका इय्या'ई फ़ी सा'अतिम मिर रहमतेका
अल्लाहुम्मा फ़'अक़्बल ओज़री
व अरहम शिद'दता ज़ोर्री
व फ़ोक'कानी मिन शद'दे व साक़ी
या रब्बिर हम ज़'अफ़ा बदानी व रिक़'क़ता जिल्दी व दिक़'क़ता अज़मी
या मन बदा ख़लक़ी व ज़िकरी व तर'बीयती व बिर्री व तग़'ज़ेया'ती
हब्नी लिब'तेदाए करा'मेका व सालेफ़े बर'रेका बी
या इलाही व सैय्यादी व रब्बी
ओतोराका मो'अज़'ज़बी बे-नारेका बादा तौहीदेका
व बादा मन्तवा अलैहे क़ल्बी मीम मारे'फ़तेका
व लहेजा बेहि लेसनी मिन ज़िक्रेका
व तक़'दहू ज़मीरी मिन हुब्बेका
व बादा सिदक़े एतेराफ़ी व दो'आई ख़ाज़े'अन लेरोबू बी'यतेक
हैहाता अन्ता अक'रमो मिन अन तो'ज़ैय्ये'अ मर'रब बैताहू
अव'तो बा'इदा मन अदने'तहू
अव तोषर'रेदा मन अवै'तहू
अव तूसल'लेम इलल बला'अ मन काफै'तहू व रहीम'तहू
व लेता शैर्री या सैय्यादी व इलाही व मौलाया
अतोसल-लितुन नारा
अला वजूहीन ख़र'रत़ ले अज़ा'मतेका साजेदतन
व अला ई'सोनिन नता'क़त बे'तौहीदेका सादे'कतन व बे शुक'रेका म़ादे'हतन
व अला क़ोलूबे अता'रफ़त बे इलाही'यतेका मोहक़'क़े क़तन
व अला ज़मा'एरा हवत मिन अल इल्मे बेका हत्ता सारत खाशे'अतन
व अला जवारेहा सा'अत इला अवताने ता'अब्बो'देका ता'ए'अतन व अशरत बे ईस्तग'फ़ारेका मुज़'अनेतन
म़ा हका'ज़ल ज़न्नो बेका व ला ओख़'बिरना बे फ़ज़'लेका अनका
या करीमो या रब्बे
व अन्ता ता'लमो ज़'फ़ी अन क़'लीलिम मीम बला'ईद'दून्या व ओक़ू'बतेहा
व म़ा यजरी फ़ीहा मिनल मका'रेहे अला अहलेहा
अला अन्ना ज़ालेका बला'उम मकरू'होन क़ली लूम मक्सोहू यासीरून बक़ा'ओहू क़सीरून मूद'दतोहू
फ'कैफ़ा एह्तेमाली ले'बला'ईल आख़े'रते व जलीले व क़ू'ईल मका'रहे फ़ीहा
व होवा बला'उन ता'तूलो मूद'दतोहू व यदु'मो मक़ा'महू व ला योख़फ़'फ़फ़ो अन अहलेहे
ले'अन्नाहू ला यकुना इल्ला अन'गज़'बेका व इन्तेक़ामेका व सख'तेका
व हाज़ा मा ला तक़ूमो लहूस'समावातो वल'अर्ज़ो
या सैय्यादी फ़'कैफ़ा बी
व आना अब्दोक अज़'ज़ा ईफूज़ ज़लीलूल हक़ी'रूल मिस्कीनूल मूस्ताकीनो
या इलाही व रब्'बी व सैय्यादी व मौलाया
ले इय्यिल ओमुरे इलैका अशकू
व लमा मिन्हा अज़ीज'जो व अब'की
ले'अलीमिल अज़ाबे व शिद'दतेह
औ ले'तूलिल बला'ए व मूद'दतेही
फ़ला'ईन सैय्यर'तनी ल़िल ओक़ू'बाते मा'अ अदा'एका
व जमा'ता बैनी व बैना अहले बला'एका
व फ़र'रक़ता बैनी व बैना अहिब'बाएका व औलियाएका
फ़ह'बनी या इलाही व सैय्यादी व मौलाया व रब्बी सबरतो अला अज़ाबका फ़'कैफ़ा असबिरो अला फ़िरा'क़ेका
व हब्नी सबरतो अला हररे नारेका
फ़'कैफ़ा असबिरो अनिन नज़ारे इला करामातेका
अम कैफ़ा'स कोनो फिंन'नारे व रजा'ई अफ़्वोका
फ़' बे'इज़'ज़तेका या सैय्यदो व मौलाई ऊक़'सीमो सदे'क़ल ईअ'ईन तरक्तानी नातेक़ल
ईअ'अज़े'जानना इलैका बैना अहलेहा ज़जीजल अमेलीना
व ला'असरो खन्ना इलैका सूर'अख़ल मूस्तासरे'खीना
व ला अबके'यन्ना अलैका बुका'अल फ़क़े'दीना
व ला नदेयन'नका ऐना कूनता या वली'यल मो'मेनीना
या ग़याते अमलिल अरे'फ़ीना
या गेयासाल मुस्तगी'सीना
या हबीबा क़ोलूबिस सादेक़ीना व या इलाहल अलामीना
अफ़तोरका सूभानका या इलाही व बे'हम्देका तस्मा'ओ फ़ीहा सौता अब्दिम मूस्लेमिन
सूजेना फ़ीहा बे'मोख़ालेफ़तेहि
व ज़ाक़ा तमा अज़ाबेहा बेमासी'यतेही
व हूबेसा बैना अत्बाक़ेहा बे जुरमेही व जरी'रातेह
व होवा यूज़िज'जो इलैका ज़जीजा मो'अम'मेलिन ले'रहमतेका
व यूनादीका बे'लेसाने अहले तौहीदेका
व यतावस'सलो इलैका बे रोबूबी'यतेका
या मौलाया फ़'कैफ़ा यबक़ाफ़िल अज़ाबे व होवा यरजू मा सलाफा हिल्मेका
अम कैफ़ा तू'लेमोहून नारों व होवा यमोलो फज़'लका व रहमतेका
अम कैफ़ा योह'रेक़ोहू ला'हिबोहा व अन्ता तस्मा'ओ सव्ताहू व तरा मका'नहो
अम कैफ़ा यश्तामेलो अलैहे ज़फीरोहा व अन्ता ता'लमो ज़'फ़हू
अम'कैफ़ा यता'क़ल क़लो बैना अत्बाक़ेहा व अन्ता त'आलमों सिद'क़ोहु
अम कैफ़ा ताज़्जो-रोहू ज़बानी'यतोहा व होवा यूना'देका या रब्बाहू
अम कैफ़ा यरजू फ़ज'लेका फ़ी ईतक़ेही मिन्हा फ़'तत'रोकोहू फ़ीहा
हैहाता मा ज़ालेकज़-अननो बेका
व ला अल'मारुफ़ो मिन फ़ज'लेका
व ला मुश'बहूल'लेमा अमल्तो बेहिल-मोवाहेदीना मीम बिर्रेका व एह्सानेका
फ़'बिल यक़ी'ने अक़ता'ओ लौ ला मा हकमता बेहि मिन ता'ज़ीबे जाहेदीका
व क़'जैता बेहि मिनएख्लादे मो'अनेदीका
लजा'अल्तन नहारा कूल'लहा बर-दून व सलामों
व मा कानत ले-अहादीन फ़ीहा मक़ार'रौं व ला मेंक़ामल
ला किन नका तक़ अद'दसत अस्मा ओका अक़ समता अन तमला-अहा मिनल काफ़ेरीना
मिनल'जिन्नाते वन्नासे अजमा'ईना
व अन तूख़ल-लिदो फ़ीहल-मो'अने'दीना
व अन्ता जल्ला सना ओका क़ुल'ता मूब'तदेअन व त'ताव्वलता बिल-इन'आमे मूताकर'रेमन
अफ़मन काना मो'मेनन कमन काना फ़से'क़ल ला यस्ता'ऊना (18)
इलाही व स्य्येदी फ़'अस'अलोका बिल क़ूदरतिल लती क़द'दर तह
बिल क़ाज़ी'यातील लती क़द दर तहा व बिल क़ाज़ीया तील लती हतम तहा व हकाम्तहा व गलबता मन अलैहे अजरै'तहा
अन तहाबा ली फ़ी ह़ा'ज़ेहिल-लैलते व फ़ी ह़ा'ज़ेहिस सा'अते
कुल्ला जूर्मिन अजरम'तोहू
व कुल्ला ज़म'बिन अज़नब-तोहू
व कुल्ला क़'बीहीन असरर-तोहू
व कुल्ला जहलिन 'अमिल-तोहू
कतम-तोहू औ अलन-तोहू
अख़'फ़ल-तोहू औ अज़हर-तोहू
व कुल्ला स्य्येअतींन अमरता
बे-इसबा'क़ेहल-किरा मल-कातेबीना
अल'लज़ीना वक्'कल'ता'ह्दोम बे-हिफ्ज़े मा यकूना मिन्नी
व जा'अलता-हूम शोहूदन 'अल्य्या मा'अ जवारेही
व कूनता अंतर-रक़ीबा 'अल्य्या मिन वरा'एहिम
वश-शाहेदा लेम ख़फे-या 'अन-हूम
व बे-रहमतेका अख्फई-तहू
व बे-फ़ज्लेका स्तर-तहू
व अन तव्फ़ फ़िर'अ हज़'ज़ि मिन कुल्ले खैरिन तून्ज़े'लोहू
औ एह्सनिं तूफ'ज़ेलोहू
औ बिर्रिन तन-शोरो'हू
औ रिज़' किन बसत-तहों
औ ज़मबिन तग़'फ़ेरोहू
औ ख़ता'ईन तस्तोरो'हू
या रब्बे, या रब्बे या रब्बे
या इलाही व स्य्येदी
व मौलाया व मलेका रिक़'क़ी
या मम बे-यदेही नसी-यति
या अलीमन बे-ज़ोर्री व मस्कलानी
या खाबिरण बे-फ़क्री व फ़काती
या रब्बे या रब्बे, या रब्बे
अस'अलोका बे-हक़'क़ेका व क़ूद-सेका
व अ'ज़मे सिफातेका व अस्मा'एका
अन तजअल औक़ाती फ़िल लैले वन नहारे बे ज़िक्रेका मा मूरातावंन
व बे-खिज़'मतेका मव्सू-लतावंन
व अमली 'इन्दक्स मक़बू'लतन
हत्ता तकूना अमली व औरदी कूल्लाहा विर्दावं वाहेदन
व हली फ़ी ख़िद-मतेका सर्मदन
या स्य्येदी, या मन 'अलैहे मो'अव्वली
या मन इलैहे शकाव्तो अहवली
या रब्बी, या रब्बे, या रब्बे
क़व-वे 'अला ख़िद-मतेका जवारेही
वश-दूद 'अलल 'आज़ी'मते जवानेही
वहब'लीयल जद'दे फ़ी खश-यतेका
वद-दवामे फ़िल-इत्ते-सले बे-ख़िद-मतेका
हत्ता असरह इलैका फ़ी माया-दीनिस-सबे'क़ीना
उसरे'अ इलैका फ़िल मूबादे'रीना
वभ-तक़ालला अ'उर'बेका फ़िल-मुश'तकीना
व अदनूवा मिनका दोनोव्वल-मूख्लेसीना
व अह्फ़का मखाफ़तल-मूक़ेनीना
वज-तम'अ फ़ी जवारेका मा'अल-मो'मेनीना
अल्ला-हूम्मा व मन अरदानी बे-सू'जन फ़-अरिद्हो
व मन कदनी फ़क्ज्धा
वज'अलनी मिन अह्साने 'इबादेका नसीबन 'इनदका
व अकरा-बेहीम मनज़ेलातम मिनका
व अख्स'सहिम ज़ुल'फ़्तल लदैका
फ़-इन्नाहू ला-यानालो ज़ालेका तल्ला बे-फ़ज्लेका
व जोदली बे-जूदेका
व'तिफ़'अल्य्या बे-मज'देका
वह'तीज़नि बे-रहमतेका
वज'अल लसानी बे-ज़िक्रेका लहेजन
व क़ल्बी बे-हूब'बेका मूताम्य्येमन
व मन्ना बेहुस्ने इजबतेका
व अक़ी'लनी अश'रती'इ
वग़'फ़िरली ज़ललती
फ़ इन्नका फ़ज'ऐता 'अलाल्बादेका बे-इबादतेका
व अमरता-हूम बे-दुआ'एका
व ज़मिनता लहोमाल-इजबता
फ़-इलैका या रब्बे नसब्ता वज-हेया
व इलैका या रब्बे मदद-तो यदे
या फ़बे-'लज़'ज़तेकस-तजिब ली दुआ'ई
व बल'लिग्नी मूनाया
व ला तक़-तमिन फ़ज़'लेका रजा'ई
व अक'फ़िनि शर'रल जिन्ना व अल'इन्से मिन अद'दुआ'ई
या सरी'अर-रेज़ा
इग़-फ़िर लेमल-ला यम्लेकूद-दुआ'अ
फ़-इन्नका फ़.अलूल-लेमा तशा'ओ
या मनिस-मोहू दवा'उन
व ज़िकरोहो'अ शिफ़ा'अन
व त'अतोहू ग़े'नन
इरहम-मर रसा मलेहिर-रजा'ओ
व सिलाहो-हूल-बुका'ओ
या सबे'ग़न ने'अमे
या दफ़े'अन्ने'क़ामें
या नूरल मस्तौ-हेशगेना फ़िज़-ज़ोलमे
या 'अलेमल-ला-या'लमा
सल्ले 'अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मदीन
वफ़'अल बी मा अन्ता अहलोहू
व सल'लल'लाहो अला रसूलेही वल अ'इम्मतिल म्यामिना मिन आलेही
व सल्लामा तस्लीमन कसीरा
हिन्दी अनुवाद
ऐ अल्लाह मै तुझ से इल्तेजा करता हूँ, तुझे तेरी उस रहमत का वास्ता जो हर चीज़ को घेरे हुए है, तेरी उस कुदरत का वास्ता जिस से तू हर चीज़ पर ग़ालिब है, जिस के सबब हर चीज़ तेरे आगे झुकी है और जिस के सामने हर चीज़ आजिज़ है, तेरी इस जब्र्रुत का वास्ता जिस से तू हर चीज़ पर हावी है, तेरी इस इज्ज़त का वास्ता जिस के आगे कोई चीज़ ठहर नहीं पाती, तेरी उस अजमत का वास्ता जो हर चीज़ से नुमाया है, तेरी उस सल्तनत का वास्ता जो हर चीज़ पर कायेम है, तेरी उस ज़ात का वास्ता जो हर चीज़ के फ़ना हो जाने के बाद भी बाकी रहेगी, तेरे उन नामो का वासता जिन के असरात ज़र्रे ज़र्रे में तारी व सारी हैं, तेरे उस इल्म का वास्ता जो हर चीज़ का अहाता किये हुए हैं, तेरी ज़ात के उस नूर का वास्ता जिस से हर चीज़ रोशन है!
ऐ हकीकी नूर! ऐ पाक व पाकीज़ा! ए सब पहलों से पहले, ऐ सब पिछलो से पिछले ( ए अल्लाह मेरे सब गुनाह माफ़ कर दे जो अताब का मुस्तहक बनाते हैं! ऐ अल्लाह! मेरे वोह सब गुनाह माफ़ कर दे जिन की वजह से बालाएं आती हैं! ऐ अल्लाह मेरे वोह सब गुनाह माफ़ कर दे जो तेरी नेमतों से महरूमी का सबब बनते हैं! ऐ अल्लाह, मेरे वोह सब गुनाह बख्श दे जो दुआएं कबूल नहीं होने देते! ए अल्लाह, मेरे वोह सब गुनाह माफ़ कर दे जो मुसीबत लाते हैं! ऐ अल्लाह, मेरी इन सारी खाताओं से दर गुज़र कर जो मैंने जान बूझ कर या भूले से की हैं! ए अल्लाह, मैं तुझे याद करके तेरे करीब आना चाहता हूँ! तेरी जनाब में तुझी को अपना सिफारशी ठहराता हूँ, और तेरे करम का वास्ता दे कर तुझ से इल्तेजा करता हूँ के मुझे अपना कुर्ब अता कर) मुझे अदाए शुक्र की तौफीक दे और अपनी याद मेरे दिल में डाल दे!
ऐ अल्लाह, मैं तुझ से खोज़ू व खुशू और गिरया व ज़ारी से अर्ज़ करता हूँ के तू मेरी भूल चूक माफ़ कर, मुझ पर रहम फार्म और तू में मेरा जो हिस्सा मुक़र्रर किया है, मुझे इस पर राज़ी, काने और हर हाल में मुतमईन रख! ए अल्लाह, मै तेरे हजूर में इस शख्स की मानिंद सवाल करता हूँ जिस पर सख्त फाके गुज़र रहे हों, जो मुसीबतों से तंग आकर अपनी ज़रुरत तेरे सामने पेश करे, जो तेरे लुत्फो करम का ज्यादा से ज्यादा खाहिश्मंद हो! ऐ अल्लाह, तेरी सल्तनत बहुत बड़ी है, तेरा रुतबा बहुत बुलंद है, तेरी तदबीर पोशीदा है, तेरा हुकुम साफ़ ज़ाहिर है, तेरा कहर ग़ालिब है, तेरी कुदरत कार फरमा है, और तेरी हुकूमत से निकल जाना मुमकिन नहीं है! ऐ अल्लाह, मेरे गुनाह बख्शने, मेरे ऐब ढाँकने और मेरे किसी बुरे अमल को अच्छे अमल से बदलने वाला तेरे सिवा कोई नहीं है! तेरे इलावा और कोई माबूद नहीं है! तू पाक है, और मै तेरी ही हम्दोसेना करता हूँ!
मैं ने अपनी ज़ात पर ज़ुल्म किया और अपनी नादानी के बाएस बेग़ैरत बन गया! मै यह सोच कर मुतमईन हो गया के तू ने मुझे पहले भी याद रखा और अपनी नेमतों से नवाज़ा है! ऐ अल्लाह, ऐ मेरे मालिक, तू ने मेरी कितनी ही बुराईयों की परदापोशी की, कितनी ही सख्त बालाओं को मुझ से टाला, कितनी ही नाज़िशों से मुझ को बचाया, कितनी ही आफतों को रोका! और मेरी कितनी ही ऐसी खूबियाँ लोगो में मशहूर कर दीं जिन का मै अहल भी ना था! ऐ अल्लाह, मेरी मुसीबत बढ़ गयी है, मेरी बदहाली हद से गुज़र गयी है, मेरे नेक अमाल कम हैं, दुनयावी तालुक्कात के बोझ ने मुझ को दबा रखा है, मेरी उम्मीदों की दराजी ने मुझे नफा से महरूम कर रखा है, दुनिया ने अपनी झूटी चमक दमक से मझे धोका दिया है, और मेरे नफस ने मझे मेरे गुनाहों और मेरी टाल मटोल के बाअस फरेब दिया है! ऐ मेरे आका अब मै तेरी इज्ज़त का वास्ता दे कर तुझ से इल्तेजा करता हूँ के मेरी बदअमालियाँ और ग़लतकारियां मेरी दुआ के कबूल होने में रुकावट ना बने!
मेरे जिन भेदों से तू वाकिफ है इन की वजह से मुझे रुसवा ना करना, मै ने अपनी तन्हाईयों में जो बदी, बुराई और मुसलसल कोताही की है और नादानी, बढ़ी हुई खाहिशाते नफस और गफलत के सबब जो काम किये हैं मुझे उनकी सजा देने में जल्दी ना करना! ऐ अल्लाह, अपनी इज्ज़त के तुफैल हर हाल में मुझ पर मेहरबान रहना, और मेरे तमाम मामलात में मुझ पर करम करते रहना! ऐ मेरे अल्लाह, ऐ मेरे परवरदिगार, तेरे सिवा मेरा कौन है जिस से मै अपनी मुसीबत को दूर करने और अपने बारे में नज़रे करम करने का सवाल करूँ! ऐ मेरे माबूद और मेरे मालिक, मै ने खुद अपने खिलाफ फैसला दे दिया क्योंके मै हवाए नफस के पीछे चलता रहा और मेरे दुश्मन ने जो मुझे सुनहरे खाव्ब दिखाए मै ने इन से अपना बचाओ नहीं किया, चुनान्चेह इस ने मुझे खाहिशात के जाल में फंसा दिया, इस में मेरी तकदीर ने भी इस की मदद की! इस तरह मै ने तेरी मुक़र्रर की हुई बाज़ हदें तोड़ दीं और तेरे बाज़ अहकाम की नाफ़रमानी की!
बहरहाल तू हर तारीफ़ का मुस्तहक है और जो कुछ पेश आया इस में खता मेरी ही है! इस बारे में तुने जो फैसला किया, तेरा जो हुक्म जारी हुआ और तेरी तरफ से मेरी जो आजमाईश हुई इस के खिलाफ मेरे पास कोई उज्र नहीं है! ऐ मेरे माबूद, मै ने अपनी इस कोताही और अपने नफस पर ज़ुल्म के बाद माफ़ी मांगने के लिए हाज़िर हुआ हूँ! मै अपने किये पर शर्मसार हूँ, दिल शिकस्ता हूँ, मै अपने करतूतों से बाज़ आया, बक्शीश का तलबगार हूँ, पशेमानी के साथ तेरी जनाब में हाज़िर हूँ, जो कुछ मुझ से सरज़द हो चूका, उस के बाद मेरे लिए ना कोई भागने की जगह है और ना कोई ऐसा मददगार जिस के पास मै अपना मामला ले जाऊं! सिर्फ यही है के तू मेरी माज़रत कबूल कर ले, मुझे अपने दामने रहमत में जगह देदे! ऐ मेरे माबूद, मेरी माफ़ी की दरखास्त मंज़ूर कर ले, मेरी सख्त बदहाली पर रहम कर और मेरी गिरह कुशाई फर्मा दे! ऐ मेरे परवरदिगार, मेरे जिस्म की नातवानी, मेरी जिल्द की कमजोरी और मेरी हड्डियों की नाताक़ती पर रहम कर!
ऐ वोह ज़ात जिस ने मुझे वजूद बख्शा, मेरा ख्याल रखा, मेरी परवरिश का सामान किया, मेरे हक में बेहतर की और मेरे लिए ग़ज़ा के असबाब फराहम किये! बस जिस तरह तू ने इस से पहले मुझ पर करम किया और मेरे लिए बेहतरी के सामन किये, अब भी मुझ पर वो पहला सा फज़ल व करम जारी रख! ऐ मेरे माबूद, मेरे मालिक, ऐ मेरे परवरदिगार, मै हैरान हूँ के क्या तू मुझे अपनी आतिशे जहन्नम का अज़ाब देगा हालांकि मै तेरी तौहीद का इकरार करता हूँ, मेरा दिल तेरी मार्फ़त से सरशार है, मेरी ज़बान पर तेरा ज़िक्र जारी है, मेरे दिल में तेरी मुहब्बत बस चुकी है और मै तुझे अपना परवरदिगार मान कर सच्चे दिल से अपने गुनाहों का एतेराफ करता हूँ, और गिडगिडा कर तुझ से दुआ मांगता हूँ! नहीं ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि तेरा करम इस से कहीं बढ़ कर है के तू इस शख्स को बेसहारा छोड़ दे जिसे तुने खुद पाला हो या उसे अपने से दूर कर दे जिसे तू ने खुद अपना कुर्ब बख्शा हो या उसे अपने यहाँ से निकाल दे जिसे तुने खुद पनाह दी हो, या उसे बालाओं के हवाले कर दे जिस का तुने खुद ज़िम्मा लिया हो और जिस पर रहम किया हो, यह बात मेरी समझ में नहीं आती!
ऐ मेरे मालिक, ऐ मेरे माबूद, ऐ मेरे मौला, क्या तू आतिशे जहन्नम को मुसल्लत कर देगा इन चेहरों पर जो तेरी अजमत के बायेस तेरे हजूर में सज्दारेज़ हो चुके हैं, इन ज़बानों पर जो सिद्क़ दिल से तेरी तौहीद का इकरार करके शुक्रगुजारी के साथ तेरी मधा कर चुकी हैं, इन दिलों पर जो वाकई तेरे माबूद होने का ऐतेराफ कर चुके हैं, इन दिमागों पर जो तेरे इल्म से इस कद्र बहरावर हुए के तेरे हुज़ूर में झुके हुए हैं या इन हाथ पाँव पर जो इताअत के जज्बे के साथ तेरी इबादतगाहों की तरफ दौड़ते रहे और गुनाहों के इकरार करके मग्फेरत तलब करते रहे? ऐ रब्बे करीम, ना तो तेरी निस्बत ऐसा गुमान ही किया जा सकता है और ना ही तेरी तरफ से हमें ऐसी कोई खबर दी गयी है! ऐ मेरे पालने वाले तू मेरी कमजोरी से वाकिफ है, मुझ में इस दुनिया की मामूली आज्मायीशों, छोटी छोटी तकलीफों और इन सख्तियों को बर्दाश्त करने की ताब नहीं जो अहले दुनिया पर गुज़रती हैं हालांकि वोह आजमाईश, तकलीफ और सख्ती मामूली होती है और इस की मुद्द्त भी थोड़ी होती है, फिर भला मुझ से आखेरत की ज़बरदस्त मुसीबत क्योंकर बर्दाश्त हो सकेगी, जब की वहां की मुसीबत तूलानी होगी और इस में हमेशा हमेशा के लिए रहना होगा और जो लोग इस में एक मर्तबा फँस जायेंगे इन के अज़ाब में कभी कमी नहीं होगी क्योंकि वो अज़ाब तेरे गुस्से, इंतकाम और नाराजगी के सबब होगा जिसे ना आसमान बर्दाश्त कर सकता है ना ज़मीन! ऐ मेरे मालिक, फिर ऐसी सूरत में मेरा क्या हाल होगा जबकि मै तेरा एक कमज़ोर, अदना, लाचार, और आजिज़ बंदा हूँ ! ऐ मेरे माबूद, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे मालिक, ऐ मेरे मौला, मै तुझ से किस किस बात पर नाला व फरयाद और आहोबुका करूँ? दर्दनाक अज़ाब और इसकी सख्ती पर या मुसीबत और इस की तवील मीयाद पर! बस अगर तू ने मुझे अपने दुश्मनों के साथ अज़ाब में झोंक दिया और मुझे इन लोगों में शामिल कर दिया जो तेरी बालाओं के सज़ावार हैं और अपने अहिब्बा और औलिया के और मेरे दरम्यान जुदाई डाल दी तो ऐ मेरे माबूद, ऐ मेरे मालिक, ऐ मेरे मौला, ऐ मेरे परवरदिगार, मै तेरे दिया हुए अज़ाब पर अगर सब्र भी कर लूं तो तेरी रहमत से जुदाई पर क्योंकर सब्र कर सकूंगा? इस तरह अगर मै तेरे आग की तपिश बर्दाश्त भी कर लूं तो तेरी नज़रे करम से अपनी महरूमी को कैसे बर्दाश्त कर सकूंगा और इस के इलावा मै आतिशे जहन्नुम में क्योंकर रह सकूंगा जबके मुझे तो तुझ से माफ़ी की तवक्का है. बस ऐ मेरे आका, ऐ मेरे मौला, मै तेरी इज्ज़त की सच्ची क़सम खा कर कहता हूँ के अगर तू ने वहां मेरी गोयाई सलामत रखी तो मै अहले जहन्नम के दरम्यान तेरा नाम लेकर तुझे इस तरह पुकारूँगा जैसे करम के उम्मेदवार पुकारा करते हैं, मै तेरे हुज़ूर में इस तरह आहोबुका करूंगा जैसे फरयाद किया करते हैं और तेरी रहमत के फ़िराक में इस तरह रोवूँगा जैसे बिछुड़ने वाले रोया करते हैं! मैं तुझे वहां बराबर पुकारूंगा के तू कहाँ है ऐ मोमिनो के मालिक, ऐ आरिफों की उम्मीदगाह, ऐ फर्यादीयों के फरयादरस, ऐ सादिकों के दिलों के महबूब, ऐ इलाहिल आलमीन, तेरी ज़ात पाक है, ऐ मेरे माबूद, मै तेरी हम्द करता हूँ!
मैं हैरान हूँ की यह क्योंकर होगा की तू इस आग में से एक मुस्लिम की आवाज़ सुने जो अपनी नाफ़रमानी की पादाश में इस के अंदर क़ैद कर दिया गया हो, अपनी मुसीबत की सजा में इस अज़ाब में गिरफ्तार हो और जुर्मो खता के बदले में जहन्नुम के तबकात में बंद कर दिया गया हो मगर वोह तेरी रहमत के उम्मीदवार की तरह तेरे हुज़ूर में फरयाद करता हो, तेरी तौहीद को मानने वालों की सी जुबान से तुझे पुकारता हो और तेरी जनाब में तेरी रबूबियत का वास्ता देता हो! ऐ मेरे मालिक, फिर वो इस अज़ाब में कैसे रह सकेगा जबके इसे तेरी गुज़िश्ता राफ्त ओ रहमत की आस बंधी होगी या आतिशे जहन्नम उसे कैसे तकलीफ पहुंचा सकेगा जबके उसे तेरी फज़ल और तेरी रहमत का आसरा होगा या इस को जहन्नम का शोला कैसे जला सकेगा जबकि तू खुद इस की आवाज़ सुन रहा होगा और जहाँ वो है तू इस जगह को देख रहा होगा या जहन्नुम का शोर उसे क्योंकर परेशान कर सकेगा, जबकि तू इस बन्दे की कमजोरी से वाकिफ होगा या फिर वो जहन्नुम के तबकात में क्योंकर तड़पता रहेगा जबकि तू इस की सच्चाई से वाकिफ होगा या जहन्नुम की लपटें इस को क्योंकर परेशान कर सकेंगी जबकि वो तुझे पुकार रहा होगा! ऐ मेरे परवरदिगार, ऐसे क्योंकर मुमकिन है के तू वो तो जहन्नुम के निजात के लिए तेरे फज्लो करम की आस लगाये हुए हो और तू उसे जहन्नुम ही में पड़ा रहने दे! नहीं, तेरी निस्बत ऐसा गुमान नहीं किया जा सकता, ना तेरे फज़ल से पहले कभी ऐसी सूरत पेश आयी और ना ही यह बात इस लुत्फो करम के साथ मेल खाती है जो तू तौहीद परस्तों के साथ रवा रखता रहा है, इस लिए मै पुरे यकीन के साथ कहता हूँ के अगर तुने अपने मुन्कीरों को अज़ाब देने का हुक्म ना दे दिया होता और इनको हमेशा जहन्नुम में रखने का फैसला ना कर लिया होता तो तू ज़रूर आतिशे जहन्नुम को ऐसा सर्द कर देता के वो आरामदेह बन जाती और फिर किसी भी शख्स का ठिकाना जहन्नुम ना होता लेकिन खुद तू ने अपने पाक नामो की क़सम खाई है के तू तमाम काफिर जिन्नों और इंसान से जहन्नुम भर देगा और अपने दुश्मनों को हमेशा के लिए इसमें रखेगा! तू जो बहुत ज्यादा तारीफ के लायेक है और अपने बन्दों पर एहसान करते हुए अपनी किताब में पहले ही फरमा चुका है : "क्या मोमिन, फ़ासिक़ के बराबर हो सकता है? नहीं, यह कभी बाहम बराबर नहीं हो सकते"! ऐ मेरे माबूद, ऐ मेरे मालिक, मै तेरी इस कुदरत का जिस से तुने मौजूदात की तकदीर बनाई, तेरे इस हतमी फैसले का जो तू ने सादिर किये हैं और जिन पर तू ने इन को नाफ़िज़ किया है इन पर तुझे काबू हासिल है! वास्ता देकर तुझ से इल्तेजा करता हूँ के हर वो जुर्म जिस का मै मुर्तकिब हुआ हूँ और हर वो गुनाह जो मैंने किया हो, हर वो बुराई जो मैंने छुपा कर की हो और हर वो नादानी जो मुझ से सरज़द हुई हो, चाहे मैंने उसे छुपाया हो या ज़ाहिर किया हो, पोशीदा रखा हो या अफशा किया हो इस रात 1 और ख़ास कर इस साअत में बख्श दे. मेरी हर ऐसी बदअमली को माफ़ करदे जिस को लिखने का हुक्म तुने किरामन कातेबीन को दिया हो, जिन को तुने मेरे हर अमल की निगरानी पर मामूर किया है और जिन को मेरे अजा व जवारेह के साथ साथ मेरे अमाल का गवाह मुक़र्रर किया है, फिर इन से बढ़ कर तू खुद मेरे अमाल के निगरान रहा है और इन बातों को भी जानता है जो इन की नज़र से मख्फी रह गयीं और जिन्हें तुने अपनी रहमत से छुपा लिया और जिन पर तुने अपने करम से पर्दा डाल दिया! ऐ अल्लाह, मै तुझ से इल्तेजा करता हूँ के मुझे ज्यादा से ज्यादा हिस्सा दे हर इस भलाई से जो तेरी तरफ से नाज़िल हो, हर उस एहसान से जो तू अपने फज़ल से करे, हर उस नेकी से जिसे तू फैलाये, हर उस रिजक से जिस में तू वुसअत दे, हर उस गुनाह से जिसे तू माफ़ करदे, हर उस ग़लती से जिसे तू छुपा ले! ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे माबूद, ऐ मेरे आका, ऐ मेरे मौला, ऐ मेरे जिस्मो जान के मालिक, ऐ वो ज़ात जिसे मुझ पर काबू हासिल है, ऐ मेरी बदहाली और बेचारगी को जान्ने वाले, ऐ मेरे फिकरो फाका से आगही रखने वाले, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, मै तुझे तेरी सच्चाई और तेरी पाकीजगी, तेरी आला सेफात और तेरे मुबारक नामो का वासता देकर तुझ से इल्तेजा करता हूँ के मेरे दिन रात के औकात को अपनी याद से मामूर कर दे के हर लम्हा तेरी फरमाबरदारी में बसर हो, मेरे अमाल को कबूल फर्मा , यहाँ तक के मेरे सारे आमाल और अज्कार की एक ही लए हो जाए और मुझे तेरी फरमाबरदारी करने में दवाम हासिल हो जाए! ऐ मेरे आका, ऐ वो ज़ात जिस का मुझे आसरा है और जिस की सरकार में, मै अपनी हर उलझन पेश करता हूँ! ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, ऐ मेरे परवरदिगार, मेरे हाथ पाँव में अपनी इताअत के लिए कुवत दे, मेरे दिल को नेक इरादों पर कायेम रहने की ताक़त बख्श, और मुझे तौफीक दे के मै तुझ से करार, वाकई डरता रहूँ और हमेशा तेरी इताअत में सरगर्म रहूँ ताकि मै तेरी तरफ सबक़त करने वालों के साथ चलता रहूँ, तेरी सिम्त बढ़ने वालों के हमराह तेज़ी से क़दम बढाऊँ, तेरी मुलाक़ात का शौक़ रखने वालो की तरह तेरा मुश्ताक रहूँ, तेरे मुखलिस बन्दों की तरह तुझ से नज़दीक हो जाऊं, तुझ पर यकीन रखने वालों की तरह तुझ से डरता रहूँ, और तेरे हुज़ूर में जब मोमिन जमा हों मै उन के साथ रहूँ! ऐ अल्लाह, जो शख्स मुझ से कोई बदी करने का इरादा करे, तू उसे वैसी ही सज़ा दे और जो मुझ से फरेब करे तू उस को वैसी ही पादाश दे! मुझे अपने उन बन्दों में करार दे जो तेरे यहाँ से सबसे अच्छा हिस्सा पाते हैं जिन्हें तेरी जनाब में सबसे ज्यादा तक़र्रुब हासिल है और जो ख़ास तौर से तुझ से ज्यादा नज़दीक हैं क्योंकि यह रूतबा तेरे फज़ल के बग़ैर नहीं मिल सकता! मुझ पर अपना ख़ास करम कर और अपनी शान के मुताबिक मेहरबानी फर्मा ! अपनी रहमत से मेरी हिफाज़त कर, मेरी ज़बान को अपने ज़िक्र में मशगूल रख, मेरे दिल को अपनी मुहब्बत की चाशनी अता कर, मेरी दुआएं कबूल करके मुझ पर एहसान कर, मेरी खताएं माफ़ करदे और मेरी नाज़िशें बख्श दे! चूंके तुने अपने बन्दों पर अपनी इबादत वाजिब की है, इन्हें दुआ मांगने का हुक्म दिया है और इनकी दुआएं कबूल करने की ज़िम्मेदारी ली है, इसलिए ऐ परवरदिगार, मै ने तेरी ही तरफ रुख किया है और तेरे ही सामने अपना हाथ फैलाया है! बस अपनी इज्ज़त के सदके में मेरी दुआ कबूल फरमा और मुझे मेरी मुराद को पहुंचा! मुझे अपने फजल ओ करम से मायूस ना कर, और जिन्नों और इंसानों में से जो भी मेरे दुश्मन हों मुझ को इन के शर से बचा! ऐ अपने बन्दों से जल्दी राज़ी हो जाने वाले, इस बन्दे को बख्श दे जिस के पास दुआ के सिवा कुछ नहीं, क्योंकि तू जो चाहे कर सकता है, तू ऐसा है जिस का नाम हर मर्ज़ की दवा है, जिस का ज़िक्र हर बीमारी से शिफा है, और जिस की इताअत सबे बेनेयाज़ कर देने वाली है, इस पर रहम कर जिस की पूंजी तेरा आसरा और जिस का हथियार रोना है! ऐ नेमतें अता करने वाले, ऐ बलाएँ टालने वाले, ऐ अंधेरों से घबराये हुओं के लिए रोशनी, ऐ वो आलिम जिसे किसी ने तालीम नहीं दी, मुहम्मद (सा) और आले मुहम्मद (सा) पर दरूद ओ सलाम भेज और मेरे साथ वो सुलूक कर जो तेरे शायाने शान हो!