Hindi
Sunday 7th of July 2024
0
نفر 0

ज़ियारते नाहिया और उसूले काफ़ी

कहते है कि इसी ग़ैबत के ज़माने में नाहिया मुक़द्देसा से एक ऐसी ज़ियारत बरामद हुई है, जिसमें तमाम शोहदाए कर्बला और उनके क़ातिलों के नाम हैं। इसे ? ज़ियारते नाहिया ? कहा जाता है।

इसी तरह यह भी कहा जाता है कि उसूले काफ़ी जो कि हज़रत सिक़्क़तुल इस्लाम अल्लामा कुलैनी मुतावफ़्फ़ी 328 हिजरी की 20 साला तसनीफ़ है। वह जब इमाम अस्र कि ख़िदमत में पेश हुई तो आपने फ़रमाया هذا كافي لشيعتنا यह हमारे शियों के लिए काफ़ी है।

ज़ियारते नाहिया की तौसीक़ बहुत से उलमा ने की है जिनमें अल्लामा तबरसी और मजलिसी भी हैं। दुआ ? ए- सबासब आप ही से मरवी है।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

ईश्वरीय वाणी-3
ज़िन्दगी की बहार-16
प्रार्थना की शर्ते
क्या सीरिया में हिज़्बुल्लाह के ...
इस्राईल की जेलों में ...
अलअंबार प्रांत पर आतंकी क़ब्ज़ा ...
एक से ज़्यादा शादियाँ
यज़ीद रियाही के पुत्र हुर की ...
इस्लाम का झंडा।
तहरीफ़ व तरतीबे क़ुरआन

 
user comment