Hindi
Monday 25th of November 2024
0
نفر 0

दरबारे इब्ने जियाद मे खुत्बा बीबी ज़ैनब (अ)

दरबारे इब्ने जियाद मे खुत्बा बीबी ज़ैनब (अ)

जब असीरों का क़ाफ़ेला दरबारे इब्ने ज़ेयाद में पहुंचा तो इब्ने ज़ेयाद ने पूछा के वह औरत कौन है जो अपनी कनीज़ों के हमराह एक गोशे में बैठी है? आपने जवाब न दिया उसने दो तीन बार इस्तेफसार किया मगर कोई जवाब न पाया फिर कनीज़ों ने जवाब दिया के यह नवासीए रसूल सल्लल्लाहो अलैह व आलेही वसल्लम और दुख़्तरे बुतूल हैं तो इब्ने ज़ियाद ने जनाबे ज़ैनब को मुख़ातब करके कहा के---

‘‘ख़ुदा का शुक्र जिसने तुम्हें रूसवा किया और क़त्ल किया और यह साबित किया के जो कुछ तुमने किया है वह सब झूठ था’’

अली (अ0) की बेटी ने अपने कलाम का आग़ाज़ इस तरह किया जैसे अभी तक कोई हादसा पेश नहीं आया, जैसे आपके अज़ीज़ न तो शहीद हुए और न ही आप असीर हैं बल्कि आपने निहायत ही जरात से बग़ैर किसी ख़ौफ़ के ख़ुत्बा शुरू किया--

‘‘तमाम तारीफ़े उस ख़ुदा के लिये हैं जिसने हमें पैग़म्बरे अकरम सल्लल्लाहो अलैह व आलेही वसल्लम के ज़रिये इज़्ज़त व करामत अता की जिससे उन नजासत को दूर रखा और पाक रखा। सिर्फ़ फ़ासिक़ ही ज़लील और फ़ाजिर व बदकार झूठा होता है। अलहम्दो लिल्लाह हम वह नहीं हैं।

इब्ने ज़ियाद ने कहा-  ‘‘देखा ख़ुदा ने अहलेबैत के साथ क्या किया?’’

जनाबे ज़ैनब (स0) ने जवाब दिया-

‘‘यह वह लोग थे के जिनके लिये ख़ुदा ने शहादत मुक़द्दर कर दी थी चुनांचे वह अपनी आरामगाह की तरफ़ फ़राख़दिली से चले गए और ख़ुदावन्दे आलम तुझे और उनको जमा करेगा और इनसे एहतेजाज करेगा उस वक़्त देखना के सआदतमन्द और कामयाब कौन हैं!’’

इस खि़ताब से इब्ने ज़ियाद इतना बुरा फ़रोख़्ता हुआ के गोया जनाबे ज़ैनब (स0) को क़त्ल कर दे। उस पर उसके हासियानशीनों ने कहा के ऐ अमीरुल मोमेनीन यह औरत कौन है? और औरतों की बातों में मलामत नहीं है।


जब इब्ने ज़ियाद से कोई जवाब न बन पड़ा तो कहने लगा-

‘‘तुम्हारे मग़रूर और मुतकब्बिर ख़ानदान की तरफ़ से मेरे दिल में जो ख़लिश थी उसको ख़ुदा ने ख़त्म कर दिया है’’,


यह सुनकर जनाबे ज़ैनब (स0) के दिल पर चोट लगी और दोते हुए फ़रमाया-
‘‘तूने हमारे सरदार को क़त्ल कर दिया है और हमारी शाख़ व जड़ काट दी है, अगर तुझे इन चीज़ों से ख़लिश थी तो यक़ीनन ख़त्म हो गई।’’

’’इब्ने ज़ियाद ने कहा यह औरत कितनी सलीस बातें कर रही है इसके बाबा भी शायर थे, वह भी मजमअतरीन कलाम कहते थे।’’

यह सुन कर आपने फ़रमाया-

‘‘ अब मेरे लिये ऐसी बातें कहने का वक़्त नहीं है।’’

इस तरह इब्ने ज़ियाद ने वह मजमा जो तहक़ीरे आले मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैह व आलेही वसल्लम के लिये जमा किया था, बीबी ने उसे उसी के सामने ज़लील व रूसवा कर दिया और अहलेबैत (अ0) पर होने वाले मज़ालिम का पर्दा चाक किया।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

हक़ निभाना मेरे हुसैन का है,
अमर सच्चाई, इमाम हुसैन ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ...
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का ...
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का ...
शिया शब्द किन लोगों के लिए ...
जनाब अब्बास अलैहिस्सलाम का ...
हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम ...
नौहा
मुहब्बते अहले बैत के बारे में ...

 
user comment