संयुक्त राष्ट्र संघ के ताज़ा आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2018 में हर सप्ताह लगभग 100 यमनी आम नागरिक सऊदी-इमाराती गठबंधन के हमलों में मारे जाते या घायल होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायुक्त ने वर्ष 2018 में यमन के विरुद्ध सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात के युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने की संख्या लगभग पांच हज़ार बताई थी जिनमें एक तिहाई बच्चे शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र संघ के हालिया आंकड़े भी इस प्रकार दर्शाते हैं कि यमन पर सऊदी गठबंधन के हमलों और इस गठबंधन द्वारा इस निर्धन देश के परिवेष्टन के कारण लगभग एक करोड़ 40 लाख यमनी भुखमरी का शिकार हो गये हैं।
यमन पर सऊदी अरब के हमलों के कारण अब तक 14 हज़ार लोग मारे जा चुके हैं जबकि दसियों हज़ार लोग घायल और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं और इन प्रभावितों में ज़्यादातर संख्या बच्चों की है।
त रहे कि सऊदी अरब ने 26 मार्च 2015 को अमेरिका, संयुक्त अरब इमारात और कुछ दूसरे देशों के समर्थन से यमन पर हमला किया था जिसमें अब तक 14 हज़ार से अधिक यमनी मारे जा चुके हैं।
मारे जाने वालों में ध्यान योग्य संख्या बच्चों और महिलाओं की है। यमनी जनता के कड़े प्रतिरोध के कारण सऊदी अरब और उसके घटक यमन में अब तक अपने किसी भी लक्ष्य को साध नहीं सके हैं।
इसी परिधि में सऊदी अधिकारी आमजनमत के ध्यान को हटाने के लिए यह दावा करते हैं कि रियाज़ और उसका गठबंधन केवल सैनिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों ही भी निशाना बना रहे हैं । यह ऐसी हालत में है कि यमन युद्ध के आरंभ से ही सऊदी अरब ने यमनी जनता के विरुद्ध अपराध किए हैं और इस बात को संयुक्त राष्ट संघ की संस्था की हालिया रिपोर्ट में भी देखा जा सकता है।