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Tuesday 26th of November 2024
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बदकारी

बदकारी
बदकारी की सुरक्षा के लिये इस्लाम ने दो तरह के इंतेज़ामात किये हैं: एक तरफ़ इस रिश्ते की ज़रूरत और अहमियत और उसकी सानवी शक्ल की तरफ़ इशारा किया है तो दूसरी तरफ़ उन तमाम ...

पैग़म्बरे इस्लाम (स.) के वालदैन

पैग़म्बरे इस्लाम (स.) के वालदैन
आपके वालिद हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्दुल मुत्तलिब हैं। हज़रत अब्दुल्लाह वह इंसान हैं जो खानदानी शराफ़त के एतेबार से दुनिया भर में मुमताज़ हैं। हज़रत अब्दुल्लाह के ...

ख़ड़ा डिनर है ग़रीबुद्दयार खाते हैं

ख़ड़ा डिनर है ग़रीबुद्दयार खाते हैं
बचपन में बारहा देखा है कि अगर फ़क़ीर दरवाज़े पर आजाता तो खाने का सवाल करना न भूलता और घर वाले भी फ़राख़ दिली से फ़क़ीर के लिए खाना भेज देते, वह बेचारा इतना भूका होता कि दिया ...

ईश्वरीय वाणी-६

ईश्वरीय वाणी-६
  पवित्र क़ुरआन के एक सूरे का नाम निसा है जिसका अर्थ होता है महिलाएं। इस सूरे के इस नामंकन का एक कारण यह है कि इसमें महिलाओं के अधिकारों और उनसे संबंधित मामलों का उल्लेख ...

इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम की अहादीस

इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम की अहादीस
यहाँ पर अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्सतुत किये जारहे हैं। 1- सुरक्षित रहो हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम ने कहा ...

कुरआन की फ़साहत व बलाग़त

कुरआन की फ़साहत व बलाग़त
अल्लाह के पवित्र कुरआन मजीद, और प्रसिद्ध ग्रंथ एक ज्ञान व हुनर, फ़िक्री व अक़ली, मददी व मानबी के व्यतीत एक आसमानी मोज़ेज़ा भी है, क्योंकी कुरआन मजीद बूलन्द ध्वनी के साथ ...

आदर्श जीवन शैली-६

आदर्श जीवन शैली-६
  हज़रत अली अलैहिस्सलाम अपने बेटे इमाम हसन अलैहिस्सलाम से वसीयत में कहते हैं, “ जीवन में अत्यंत कोशिश करो क्योंकि जो व्यक्ति किसी चीज़ की प्राप्ति के लिए कोशिश करता है तो ...

दुआ ऐ सहर

दुआ ऐ सहर
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह    या मफज़ई इन्दा कुरबती    يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِيऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले    या ग़ौसी इन्दा शिद्दती    وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ ...

इमाम हुसैन (अ.स) के आंदोलन के उद्देश्य

इमाम हुसैन (अ.स) के आंदोलन के उद्देश्य
हज़रत इमाम हुसैन (अस) ने सन् (61) हिजरी में यज़ीद के विरूद्ध आंदोलन किया। उन्होने अपने आंदोलन के उद्देश्यों को इस तरह बयान किया है किः 1. जब हुकूमती यातनाओं से तंग आकर हज़रत ...

इल्मे तजवीद और उसकी अहमियत

इल्मे तजवीद और उसकी अहमियत
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीमतजवीद के मअना बेहतर और ख़ूबसूरत बनाना है। तजवीद उस इल्म का नाम है जिससे क़ुरआने मजीद के अलफ़ाज़ व हुरूफ़ की बेहतर से बेहतर अदाएगी और आयात व ...

ईश्वरीय वाणी-८

ईश्वरीय वाणी-८
  कुरआने मजीद के पांचवें सूरे का नाम माएदा है। माएदा का अर्थ दस्तरखान होता है और चूंकि इस सूरे में उस घटना का वर्णन है जिसमें हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने ईश्वरीय भोजन और ...

पवित्र रमज़ान भाग-8

 पवित्र रमज़ान भाग-8
मनुष्य को बनाने वाले ईश्वर ने उसको जो भी आदेश दिये हैं वे निश्चित रूप से मनुष्य के ही हित में होते हैं चाहे विदित रूप से उसमें हमें अपना कोई नुक़सान नज़र आए। रमज़ान के रोज़े ...

धैर्य और दृढ़ता की मलिका, ज़ैनब बिन्ते अली

धैर्य और दृढ़ता की मलिका, ज़ैनब बिन्ते अली
  अहलेबैत (अ) के पवित्र और मासूम ख़ानदान में इंसानी गुणों और रोल माडल की तलाश विशेषकर पवित्र महिलाओं की जीवनी हर सच्चे और न्यायप्रिय व्यक्ति के लिये एक पाठ है। इस ख़ानदान की ...

क़ुरआने मजीद और माली इसलाहात

क़ुरआने मजीद और माली इसलाहात
इक़्तेसादी दुनिया में मालीयात की तन्ज़ीम के दो मरहले होते हैं। एक मरहला पैदावार का होता है और दूसरा सरवत की तक़सीम का और आम तौर से इक़्तेसादी निज़ाम तक़सीम के बारे में बहस ...

अज़ादारी रस्म (परम्परा) या इबादत

अज़ादारी रस्म (परम्परा) या इबादत
आमपौर पर (अधिकतर) हमारी ज़बानों से एक वाक्य सुनने को मिलता है रवासिमे अज़ा (रीतियाँ) मरासिमे अज़ा (प्रथाऐं) जिसका अर्थ हर वह कार्य होता है जिसका सम्बन्ध अज़ादारी से हो। ...

इमामे मोहम्मदे बाक़िर अलैहिस्सलाम

इमामे मोहम्मदे बाक़िर अलैहिस्सलाम
रजब के मुबारक महीने की पहली तारिख़ एक बार फिर आ पहुंची है। आज ही के दिन पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने इस संसार में क़दम रखा। उन्होंने ...

चेहलुम के दिन की ज़ियारत हिन्दी अनुवाद के साथ

चेहलुम के दिन की ज़ियारत हिन्दी अनुवाद के साथ
सफ़र महीने की बीसवी तारीख़ को इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत के लिए दो तरीक़े बयान किए गए हैं पहला तरीक़ा वह है जिसे शेख़ तूसी ने तहज़ीब और मिस्बाह नामक किताबों में सफ़वान जम्माल ...

इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम

इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम
पैग़म्बर और ईश्वरीय मार्गदर्शक, सर्वसमर्थ व महान ईश्वर की असीम कृपा के प्रतीक और विश्व में उसकी दया एवं मार्गदर्शन के स्रोत हैं...... पैग़म्बर और ईश्वरीय मार्गदर्शक, ...

एहसान

एहसान
एहसान इंसानी समाज में बहुत कॉमन लफ़्ज़ है। एर ग़ैर मुस्लिम भी एहसान को अच्छी तरह जानता है। बस फ़र्क़ यह है कि जो एहसान का लफ़्ज़ हमारे समाज में इस्तेमाल होता है वह क़ुरआन ...

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का मरसिया

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का मरसिया
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा पर दुखों के पहाड़ कब से टूटना आरम्भ हुए इसके बारे में यही कहा जा सकता है कि जैसे ही पैग़म्बरे इस्लाम ने इस संसार से अपनी आखें मूंदी, मुसीबतें आना आरम्भ ...