शेफ़ाअत अर्थात सिफ़ारिश के शब्द से सभी पूर्णरूप से अवगत हैं। जब भी अपराध, पाप और एक व्यक्ति की निंदा की बात होती है और कोई व्यक्ति मध्यस्थ बनता है ताकि उसे दंड से मुक्ति ...
सलाम हो अली के सुपुत्र अबल फ़ज़्लिल अब्बास पर जिन्होंने सत्य के ध्वज को ऊंचा रखने के मार्ग में अपने प्राण की आहूति दी और इतिहास में अमर हो गए।
सलाम हो उस पर जो सद्गुण व ...
पैग़म्बर और ईश्वरीय मार्गदर्शक, सर्वसमर्थ व महान ईश्वर की असीम कृपा के प्रतीक और विश्व में उसकी दया एवं मार्गदर्शन के स्रोत हैं। वे इतिहास के अंधेरे में प्रज्वलित दीप की ...
हमारा अक़ीदह है कि पैग़म्बरे इस्लाम के असहाब में बहुत से लोग बड़े फ़िदाकार बुज़ुर्ग मर्तबा व बाशख़्सियत थे। क़ुरआने करीम व इस्लामी रिवायतों में उनकी फ़ज़ीलतो का ज़िक्र ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियां)
आपका नाम मुहम्मद व आपके अलक़ाब मुस्तफ़ा, अमीन, सादिक़,इत्यादि हैं।
माता पिता
हज़रत पैगम्बर के पिता का नाम अब्दुल्लाह था जो ;हज़रत अबदुल मुत्तलिब ...
आज, जिस इंसान ने अपने लिए ऐशो आराम के तमाम साज़ो सामान मुहिय्या कर लिए हैं, वह उसी इंसान की नस्ल से है जो शुरु में गुफ़ाओ और जंगलों में ज़िन्दगी बसर करता था और जिसको चारों ...
इस्लामी संस्कृति व सभ्यता, मानव इतिहास की सबसे समृद्ध सभ्यताओं में से एक है। यद्यपि इस संस्कृति में, जो इस्लाम के उदय के साथ अस्तित्व में आई, बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आए हैं ...
चार शाबान एसे महान व्यक्ति का शुभ जन्म दिवस है जिसका नाम इतिहास में निष्ठा और त्याग का पर्याय बन चुका है। शाबान महीने की चार तारीख़ को हज़रत अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र ...
बहुत से महापुरुष और वे लोग जिन्होंने इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनकी सफलता के पीछे दो प्रकार की महिलाओं का बलिदान और त्याग रहा है। पहला गुट उन मोमिन और ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम के अहलेबैत में से हर एक अपने समय में इल्म और कमाल व परिपूर्णता की निगाह से बेमिसाल था। वह अपने समय ...
वहाबियत की आधारशिला रखने वाले इब्ने तैमिया ने अपने पूरे जीवन में बहुत सी किताबें लिखीं और अपनी आस्थाओं का अपनी रचनाओं में उल्लेख किया है। उन्होंने ऐसे अनेक फ़त्वे दिए जो ...
दुआ एक ऐसी चीज़ है जिससे इस दुनिया का कोई भी इन्सान इन्कार नहीं कर सकता है और हर इन्सान अपने जीवन में किसी न किसी चीज़ के लिये दुआ करते हुए दिखाई देता है।
मासूमीन की सीरत और ...
यह सवाल हर शख्स के ज़हन में आता है कि उमर बिन ख़त्ताब और उनके तरफ़दारों ने पैग़म्बरे अकरम (स) की तदबीर अमली होने में रुकावट क्यों पैदा की? क्या आँ हज़रत (स) ने रोज़े क़यामत तक ...
अबू अब्दिल्ला मुहम्मद इबने इदरीस इब्ने अब्बास शाफेअ, शाफेई मज़हब के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। आप अहले सुन्नत के तीसरे इमाम हैं और इमाम शाफेई के नाम से मशहूर हैं। आप का ...
हज़रत अब्बास की माता का नाम "फ़ातिमा बिन्ते हेज़ाम" था। बाद में उन्होंने "उम्मुल बनीन" के नाम से ख्याति पाई। वे हज़रत फ़ातिमा के बच्चों के लिए बहुत अच्छी माता और हज़रत अली की ...
ख़ुदा की जानिब से एक मोमिने कामिल के लिये बेहतरीन तोहफ़ा और हदिया मौत के अलावा कुछ और नही हो सकता है। लेकिन अगर उस की सूरत बदल जाये, बिस्तर के बजाए मैदान और राहे ख़ुदा में जंग ...
विवाह मानव जीवन के महत्वपूर्ण विषयों मे से एक है। विवाह एक पवित्र बंधन हैं। विवाह परिवारिक और सामाजिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से एक बहुत ही महत्वपूर्ण बंधन है। निःसन्देह, ...
इस्लाम धर्म में शिफ़ाअत ईश्वर की ओर से मनुष्यों पर एक विभूती बतायी गयी है। जिन लोगों ने उपासना के बंधन को नहीं तोड़ा है और अनेकेश्वरवाद का शिकार नहीं हुए हैं, ईश्वर के ...
क़ुरआने करीम विभिन्न प्रकार से इंसान के जीवन को प्रभावित करता है।जैसे क़राअत, हिफ़्ज़, फ़ह्म और अमल के द्वारा यह प्रभाव इंसान के व्यक्तिगत और समाजिक दोनो जीवनों पर पड़ता ...
हमारा अक़ीदह है कि क़ुरआने करीम पैग़म्बरे इस्लाम (स.)का सब से बड़ा मोजज़ा है और यह फ़क़त फ़साहत व बलाग़त, शीरीन बयान और मअनी के रसा होने के एतबार से ही नही बल्कि और मुख़्तलिफ़ ...