Hindi
Wednesday 27th of November 2024
0
نفر 0

मानव जीवन के चरण 4

मानव जीवन के चरण 4

पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान

 

चौथा चरणः गंदे पानी से रचना

 

 ثُمَّ جَعَلَ نَسْلَهُ مِن سُلالَة مِن ماء مَهين 

 

सुम्मा जाआला नसलाहू मिन सुलालतिम्मिन माइन महीन[1]

तत्पश्चात उसकी नस्ल की एक गंदे पानी से रचना की है।

यह वीर्य की कोशीका और क़ुरआन के शब्दो मे अलक़ और पुरूष के शुक्राणु जिस समय स्त्री के गर्भाश्य मे पहुंचती है तो फ़िर उन मे विचित्र जंग आरम्भ हो जाती है।

इस विचित्र युद्घ मे लगभग 20 करोड़ “sper” जंग करते है और 15 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से गर्भाश्य की ओर दौड़ते है थोड़ी ही देर मे प्रथम पंक्ति मे उपस्थित sper गर्भाश्य की के पर्दे की दीवार तक पहुँच जाते है।

तथा अचानक हज़ारो कीड़े गर्भाश्य के चारो ओर एकत्रित हो जाते है तथा अपनी पूँछ हिलाते रहते है, यदि उनको सूक्ष्मदर्शी से देखा जाए तो एक ऐसा दृश्य देखने को मिलता है जैसे कोई चमन हवा चलने के कारण लहलहा रहा हो, जब तक एक कीड़ा उस अंड़े के भीतर प्रवेश न कर जाए उस समय तक यह युद्ध जारी रहता है।

प्रत्येक sper यह प्रयत्न करता है कि वह सर्वप्रथम इस अंड़े के भीतर प्रवेश कर जाए तथा जिस समय प्रथम sper अंड़े मे छिद्र करके उसमे प्रवेश करता है तथा उसकी पूँछ जो पहले से घायल रहती है उसके प्रवेश करते ही उस भाग पर सूजन आ जाती है उधर अंडे मे उपस्थित प्रोटोप्लाज़म protoplasm (जीवद्रव्य) एक प्रकार का तरल पदार्थ छौडता है जिसके कारण कोई दूसरा कीड़ा उसके भीतर प्रवेश ना करने पाए।

इस आधार पर 20 करोड़ sper मे से एक sper उस अंड़े मे प्रवेश करता है जिस से मनुष्य की रचना होती है यदि ईश्वर की व्यापक दया शामिल हो जाए तो दो अथवा तीन sper भी प्रवेश कर सकते है जिस के कारण जुड़वा बच्चो का जन्म होता है।



[1] सुरए सज्दा 32, छंद 8

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इमाम सज्जाद अलैहिस्सलमा का जन्म ...
म्यांमार अभियान, भारत और ...
मोमिन की नजात
पैग़म्बरे इस्लाम (स.) के वालदैन
शेख़ शलतूत का फ़तवा
ख़ुत्बाए फ़ातेहे शाम जनाबे ज़ैनब ...
आदर्श जीवन शैली-३
ब्रह्मांड 6
हज में महिलाओं की भूमिका
आयतुल कुर्सी

 
user comment