पुस्तक का नामः पश्चाताप दया की आलिंग्न
लेखकः आयतुल्ला अनसारियान
मासूम अलैहिस्सलाम का कथन हैः ईश्वर पश्चाताप करने वाले को तीन ख़सलते प्रदान करता है यदि उन मे से एक भी ख़सलत धरती एंव आसमान पर जीवन व्यतीत करने वालो को प्राप्त हो जाए तो उसी ख़सलत के आधार पर उनको मुक्ति मिल जाए।
إِنَّ اللّهَ يُحِبُّ التَّوَّابِينَ وَيُحِبُّ المُتَطَهِّرِينَ
1- ... इन्नल्लाहा योहिब्बुत्तव्वाबीना व योहिब्बुल मुतताहेरीन[1]
निसंदेह ईश्वर पश्चाताप करने वालो तथा पवित्र रहने वालो को पसंद करता है।
इसीलिए ईश्वर जिसे पसंद करता है उस पर अज़ाब (यातना) नही करेगा।
الَّذِينَ يَحْمِلُونَ الْعَرْشَ وَمَنْ حَوْلَهُ يُسَبِّحُونَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَيُؤْمِنُونَ بِهِ وَيَسْتَغْفِرُونَ لِلَّذِينَ آمَنُوا رَبَّنَا وَسِعْتَ كُلَّ شَيْء رَحْمَةً وَعِلْماً فَاغْفِرْ لِلَّذِينَ تَابُوا وَاتَّبَعُوا سَبِيلَكَ وَقِهِمْ عَذَابَ الْجَحِيمِ * رَبَّنَا وَأَدْخِلْهُمْ جَنَّاتِ عَدْن الَّتِى وَعَدتَّهُمْ وَمَن صَلَحَ مِنْ آبَائِهِمْ وَأَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّيِّاتِهِمْ إِنَّكَ أَنتَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ * وَقِهِمُ السَّيِّئَاتِ وَمَن تَقِ السَّيِّئَاتِ يَوْمَئِذ فَقَدْ رَحِمْتَهُ وَذلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ
2- अल्लज़ीना यहमेलूनल अर्शा वमन होलहू योसब्बेहूना वेहमदे रब्बेहिम वयूमेनूना बेहि वयसतग़फ़ेरूना लिल्लज़ीना आमनू रब्बना वसेएता कुल्ला शैएन रहमतव वइल्मन फ़ग़्फ़िर लिल्लज़ीना ताबू वत्तबउ सबीलका वक़ेहिम अज़ाबल जहीमे*रब्बना वअदख़िलहुम जन्नाते अदनिल्लती वअदतहुम वमन सलहा मिन आबाएहिम व अज़वाजेहिम व ज़ूर्रियातेहिम इन्नका अन्तल अज़ीज़ुल हकीमो*वक़ेहिस्सय्येआते वमन तक़िस्सय्येआते यौमाएज़िन फ़क़द रहिमतहू व ज़ालेका होवल फ़ोज़ुल अज़ीम[2]