Hindi
Sunday 13th of October 2024
0
نفر 0

हदीसो के उजाले मे पश्चाताप 7

हदीसो के उजाले मे पश्चाताप 7

पुस्तकः पश्चाताप दया की आलिंग्न

लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान

 

हज़रत रसूले अकरम सललल्लाहो अलैहे वाआलेहि वसल्लम से रिवायत हैः कि

 

اَلتّائِبُ اِذَا لَمْ يَسْتَبِنْ عَلَيْهِ اَثَرُ التَّوْبَةِ فَلَيْسَ بِتائِب يُرْضِى الْخُصَماءَ وَيُعيدُ الصَّلَواتِ وَيَتَواضَعُ بَيْنَ الْخَلْقِ ، وَيَتَّقِى نَفْسَهُ عَنِ الشَّهَوَاتِ ، وَيَهْزِلُ رَقَبَتَهُ بِصِيامِ النَّهارِ

 

अत्ताएबो एज़ा लम यसतबिन अलैहे असरुत्तौबते फ़लैसा बेताएबिन, युरज़िल ख़ुसामाआ, वयोइदुस्सलाते, वयतावाज़ओ बैनल ख़लक़े, वयत्तक़े नफ़सहू अनिश्शाहवाते, वयहज़ेलो रक़बतहू वेसियामिन्नहारे[1]

जब पश्चाताप करने वाले पर पश्चाताप के प्रभाव प्रकट ना हो, तो उसको पश्चातापी (पश्चाताप करने वाला) नही कहा जाना चाहिए, पश्चाताप के प्रभाव यह हैः जिन लोगो के होक़ूक नष्ट किए है उनकी खुशी प्राप्त करे, जो नमाज़े नही पढ़ी है उनको पढ़े, दूसरे के सामने विनम्रता से काम ले, स्वयं को अवैध वासनाओ से रोको रखे तथा उपास (रोज़े) रख कर शरीर को दुर्लब करे।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम का कथन हैः कि

 

اَلتَّوْبَةُ نَدَمٌ بِالْقَلْبِ وَاسْتِغْفارٌ بِاللِّسانِ وَتَرْكٌ بِالجَوَارِحِ وَاِضْمارٌ اَنْ لاَ يَعُودَ

 

"अत्तौबतो नदमुन बिलक़ल्बे, वइस्तिग़फ़ारुन बिल्लिसाने, वतरकुन बिल जवारेहे, वइज़मारुन अन ला यऊदो"[2]

पश्चाताप अर्थात दिल मे शर्मिंदगी, ज़बान पर पछतावा (इस्तिग़फ़ार), अंगो द्वारा सभी पापो को त्यागना तथा दूबारा ना करने का दृढ़ निश्चय करना।

 

जारी



[1] जामेउल अख़बार, पेज 87, पैंतालिसवा पाठ पश्चाताप के सम्बंध मे; मुस्तदरेकुल वसाइल, भाग 12, पेज 130, अध्याय 87, हदीस 13709

[2] ग़ेररूल हिक्म, पेज 194, हदीस 3777 ; मुस्तदरेकुर वसाइल, भाग 12, पेज 137, अध्याय 87, हदीस 13715

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इस्लाम में पड़ोसी अधिकार
अफ़ग़ानिस्तान, काबुल विस्फ़ोट ...
स्वर्गीय दूत तथा पश्चाताप करने ...
आले ख़लीफ़ा सरकार ने ठोकीं अपने ...
हदीसो के उजाले मे पश्चाताप 2
सुप्रीम लीडर का संदेश दुनिया के ...
दस मोहर्रम के सायंकाल को दो भाईयो ...
इस्राईली मीडिया और राजनैतिक ...
उत्तर प्रदेश के स्कूलों को भी ...
क़ुरआन तथा पश्चाताप जैसी महान ...

 
user comment