पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
ज्ञानी ईश्वर की ओर से कमीयो तथा त्रूठियो का पूरा होना एक महत्वपूर्ण तथा उल्लेखनीय मुद्दा है, इस संदर्भ मे कुच्छ चीज़ो को एक महत्वपूर्ण पुस्तक से नक़ल करते है जिसके कारण हमारी आस्था तथा विश्वास मे वृद्धि हो तथा हमे यह पता चले कि ईश्वर हमारे तथा दूसरे प्राणीयो की कमी एंव त्रूठियो को किस प्रकार दूर करता है।
सूर्य की ख़र्च हुई ऊर्जा की क्षतिपूर्ति
जिस सूर्य के कारण अधिकांश शक्ति प्राप्त होती है यह कुल्लो शैइन का एक छोटा सा नमूना है।
सूर्य की गर्मी इतनी अधिक है कि अत्यधिक भड़कती हुई अग्नि भी उसके सामने ठंडी है, सूर्य की गर्मी लगभग 6093 सेंटीग्रेट है और उसके भीतर की गर्मी तो इसकी तुलना मे और अधिक है।
सूर्य प्रत्येक सेकंण्ड मे 12400,000 टन अनर्जी वायु मे फैलाता है, यदि सूर्य के एक मिनट की गर्मी को कोयले द्वारा प्राप्त करना चाहे तो लगभग 679,000,000,00 टन कोयला जलाने की आवश्यकता होगी।
जारी