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Thursday 26th of December 2024
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पवित्र रमज़ान भाग-2

पवित्र रमज़ान भाग-2

रोज़े के बहुत अधिक शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ हैं। इस्लाम के महापुरूषों ने रोज़े को शरीर को स्वास्थ्य प्रदान करने वाला, आत्मा को सुदृढ़ करने वाला, पाश्विक प्रवृत्ति को नियंत्रित करने वाला, आत्म शुद्धि करने वाला और बेरंग जीवन में परिवर्तन लाने वाला मानते हैं जो सामाजिक स्वास्थ्य की भूमिका प्रशस्तकर्ता है। रोज़े के उपचारिक लाभ, जिनकी गणना उसके शारीरिक तथा भौतिक लाभों में होती है बहुत अधिक और ध्यानयोग्य हैं। इस्लामी शिक्षाओं में रोज़े के शारीरिक लाभों का भी उल्लेख किया गया है। इस संदर्भ में पैग़म्बरे इस्लाम (स) कहते हैं- रोज़ा रखो ताकि स्वस्थ्य रहो।चिकित्सा विज्ञान के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए रोज़ा बहुत लाभदायक है। यहां तक कि उन देशों में भी जहां रोज़े आदि में विश्वास नहीं किया जाता वहां पर भी चिकित्सक कुछ बीमारों के उपचार के लिए बीमारों को कुछ घण्टों या एक निर्धारित समय के लिए खाना न देने की शैली अपनाते हैं। रोज़ा वास्तव में शरीर के लिए पूर्ण विश्राम और पूरे शरीर की सफ़ाई-सुथराई के अर्थ में है। जिस प्रकार से मनुष्य का हृदय कुछ देर कार्य करता है और फिर एक क्षण विश्राम करता है उसी प्रकार मनुष्य के शरीर को भी ग्यारह महीने तक लगातार कार्य करने के पश्चात एक महीने के विश्राम की आवश्यकता होती है।शरीर के अत्यधिक कार्य करने वाले अंगों में से एक, पाचनतंत्र विशेषकर अमाशय है। सामान्य रूप से लोग दिन में तीन बार खाना खाते हैं इसलिए पाचनतंत्र लगभग हर समय भोजन के पाचन, खाद्य पदार्थों का अवशोषण करने और अतिरिक्त पदार्थों को निकालने जैसे कार्यों में व्यस्त रहता है। रोज़ा इस बात का कारण बनता है कि शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग एक ओर तो विश्राम कर सके और बीमारियों से बचा रहे तथा दूसरी ओर नई शक्ति लेकर शरीर में एकत्रित हुई वसा को, जिसके बहुत नुक़सान हैं, घुला कर कम कर दे। इस्लामी महापुरूषों के अन्य कथनों में मिलता है कि मनुष्य का पाचनतंत्र बीमारियों का घर है और खाने से बचना उसका उपचार है।आज विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि रोज़ा रखने से शरीर की अतिरिक्त वसा घुल जाती है, इससे हानिकारक और अनियंत्रित मोटापा कम होता है। कमर और उसके नीचे के भागों पर दबाव कम हो जाता है तथा पाचनतंत्र, हृदय और हृदय से संबन्धित तंत्र संतुलित हो जाते हैं। इसी प्रकार से रोज़ा शरीर की प्रतिरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करता है और उसे सतर्क रखता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि रोज़ा सम्पूर्ण शरीर की शुद्धता का कारण बनता है और यह मनुष्य को बहुत सी बीमारियों और ख़तरों से निबटने के लिए तैयार करता है।(एरिब डाट आई आर के धन्यवाद के साथ).......166


source : www.abna.ir
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