फ़्रांसीसी पत्रकार डायडियर फ़्रांसक्वीस ने आईएसआईएल की हिरासत में दस महीने बिताए हैं, अपनी रिहाई के बाद उन्होंने रहस्योद्धाटन किया है कि यह आतंकी संगठन धार्मिक नियमों पर कोई ध्यान नहीं देते और उन्होंने उनके पास पवित्र क़ुरआन की एक भी प्रति नहीं देखी।
सीएनएन की संवाददाता क्रिस्टाइन से बात करते हुए डायडियर फ़्रांसक्वीस ने कहा कि उन्होंने इन चरमपंथियों को आपस में धार्मिक विषयों पर किसी भी प्रकार का विचार विमर्श करते नहीं देखा। उन्होंने कहा कि वहां पर कभी भी किसी धार्मिक विषय के बारे में वास्तविक अर्थों में चर्चा होते नहीं देखी बल्कि अधिकतर वहां राजनैतिक बहस होती है। यह बात बहुत ही चौंकाने वाली थी कि उन्होंने हमें क़ुरआन के बारे में कुछ नहीं बताया। इसलिए कि वह क़ुरआन के बारे में अधिक नहीं जानते थे, यहां तक कि उनके पास एक भी क़ुरआन नहीं था, वह हमें क़ुरआन की प्रति देना भी नहीं चाहते थे।
जब उनसे पूछा गया कि क़ैद के दौरान सीरिया और इराक़ के स्थानीय लोगों पर होने वाले हिंसक व्यवहार देखने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, तो डायडियर फ़्रांसक्वीस ने कहा कि जब हमें शौचालय के लिए ले जाया गया तो हम ने उन्हें देखा, उनमें से कुछ लोग अपने ख़ून में लथपथ पड़े हुए थे, हमने ज़ंजीरों, रस्सियों या लोहे की सलाख़ों से उन्हें लटकता हुआ देखा।
फ़्रांस के इस पत्रकार ने रहस्योद्धाटन किया कि आईएसआईएल की क़ैद के दौरान उन्हें भी यातनाएं दी गयी थीं। उनका कहना था कि निश्चित रूप से मुझे भी मारा पीटा गया किन्तु ऐसा प्रतिदिन नहीं किया जाता था। उनका कहना था कि वह समय बहुत कठिन होता है, जब आपकी स्वतंत्रता छीन ली जाए। यह भी कठिन समय होता है जब आपकी स्वतंत्रता दूसरों के हाथों में हो, जिन के बारे में आप जानते हों कि वह स्थानीय सीरियाई, इराक़ी, लीबियाई और ट्यूनीशियाई लोगों को लाखों की संख्या में मार रहे हैं। वह हमारे देशों में भी धमाके कर सकते हैं। डायडियर फ़्रांसक्वीस उन चार फ़्रांसीसी पत्रकारों के साथ थे जिन्हें अप्रैल 2014 में रिहाई मिली थी। उन्हें सीरिया में जून 2013 के दौरान आईएसआईएल ने बंदी बना लिया था। फ़्रांसीसी अधिकारियों ने उनकी स्वतंत्रता का कोई ब्योरा जारी नहीं किया था किन्तु तुर्क समाचार एजेन्सी ने पहली बार यह रिपोर्ट दी थी कि पत्रकारों का एक अज्ञात ग्रुप जिनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और हाथ रस्सी से बंधे हुए थे, शुक्रवार की रात तुर्की की दक्षिणपूर्वी सीमा के निकट देखे गये थे, जहां उन्हें तुर्क सिपाहियों ने स्वतंत्र कराया था।
सीएनएन को दिए गये साक्षात्कार में डायडियर फ़्रांसक्वीस ने यह रहस्योद्घाटन भी किया कि उन्होंने आईएसआईएल की क़ैद में एक अमरीकी महिला से दो बार भेंट की थी।
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