Hindi
Tuesday 26th of November 2024
0
نفر 0

सऊदी अरब में शियों पर हो रहे अत्याचारों की निंदा

सऊदी अरब के तानाशाहों द्वारा वहां के शिया मुसलमानों के दमन व यातनाओं में निरंतर वृद्धि से इस देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों को उत्तेजित कर दिया है.....
सऊदी अरब में शियों पर हो रहे अत्याचारों की निंदा

    सऊदी अरब के तानाशाहों द्वारा वहां के शिया मुसलमानों के दमन व यातनाओं में निरंतर वृद्धि से इस देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों को उत्तेजित कर दिया है.....

सऊदी अरब के तानाशाहों द्वारा वहां के शिया मुसलमानों के दमन व यातनाओं में निरंतर वृद्धि से इस देश के विश्वविद्यालयों के छात्रों को उत्तेजित कर दिया है।अलजबील विश्वविद्यालय के छात्रो के एक समूह ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि इस देश के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है तथा शिया और सुन्नी मुसलमानों में कोई अंतर नहीं है इस लिए कि हम सब आपस में भाई भाई हैं।इस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि हम सऊदी अरब में शिया और सुन्नियों की एकता को भंग नहीं होने देंगे।यह विज्ञप्ति ऐसी स्थिति में जारी की गयी है कि जब इस देश की खान की कम्पनी के प्रमुख ने अपने देश के शियों के विरुद्ध आपत्ति जनक टिप्पणी की है। इस उत्तेजनापूर्ण टिप्पणी की सऊदी अरब के विद्वानों ने कटु आलोचना की है और इसे साम्प्रदायिक सोच बताया है।इस देश के बुद्धिजीवियों ने उल्लेख किया है कि सऊदी अरब के राजनेताओं द्वारा इस प्रकार के वक्तव्य शिया और सुन्नियों को विभाजित करके संप्रदायिकता की आग भड़काने हेतु सामने आ रहे हैं।ऐसा प्रतीत होता है कि सऊदी अरब में सार्वजनिक स्तर पर विशेषकर शिया बाहुल क्षेत्रों में विरोध में वृद्धि से इस देश की तानाशाही सरकार खिन्न है तथा इस देश के संप्रदायिक मानसिकता रखने वाले अधिकारी अल्पसंखयको के अधिकारों के लिए उठने वाली आवाज़ एवं स्वतंत्रता की मांग को शिया सुन्नी रंग देना चाहते हैं ताकि सांप्रदायिक हिंसा भड़का कर जनसमुदाय का ध्यान मूल विषय से हटा सकें।यह ऐसी स्थिति में है कि जब सऊदी अरब में शिया अल्पसंखयक कि जो इस देश की कुल जनसंखया का 20 प्रतिशत हैं दूसरे दर्जे के नागरिक हैं और उनके साथ हर स्थान पर भेदभाव किया जाता है।अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ने उल्लेख किया है कि सऊदी अरब के अधिकारियों का इस देश के शियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार असहनीय स्तर पर पहुंच गया है। इस संस्था के अनुसार रियाज़ की सरकार जानबूझकर शियों को सरकारी विभागों में नौकरियां नहीं देती है।सऊदी अरब में मानवाधिकारों की स्थिति इस हद तक ख़राब है कि इस देश के एक सामाजिक कार्यकर्ता हमज़ा हसन ने इस देश को मानवाधिकारों का क़ब्रिस्तान कहा है। (एरिब डाट आई आर के धन्यवाद के साथ).......


source : abna
0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

भाजपा विधायक ने फिर उगला ज़हर, ...
बरेलवी उल्मा ने सलमान नदवी को ...
सऊदी अरब की आले सऊद सरकार ने एक और ...
इस्राईल रच रहा है बश्शार असद की ...
तातारस्तान में केराअते कुरान ...
सीरिया में विस्फ़ोट, 25 लोग हताहत ...
इराक़ में आईएस गिन रहा है अपनी ...
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के ...
मुक़्तदा सद्र की ट्रंप को धमकी
मिस्रः आतंकवादियों के हमले में दो ...

 
user comment