इस्लामी गणतंत्र ईरान के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि सऊदी सरकार ने ईरान के ख़िलाफ़ कोई मूर्खता की तो पवित्र नगरों मक्का और मदीना के अलावा सऊदी अरब का कोई भी क्षेत्र सुरक्षित नहीं बचेगा।
रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल हुसैन देहक़ान ने लेबनान के अलमनार टीवी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि सऊदी अरब की विध्वंसकरी नीतियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि सऊदी अरब की हालत बहुत ख़राब हो गई है और वह चापलूसी तक करने लगा है। सऊदी सरकार इस्राईली प्रधानमंत्री नेतनयाहू की चापलूसी कर रही है कि वह ईरान के विरुद्ध कार्यवाही करे। सऊदी अरब यह कौन सा रवैया अपनाए हुए है। इस्लामी जगत में जहां भी लोग उठ खड़े होते हैं और वहाबियत को नकार देते हैं, सऊदी अरब उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही शुरू कर देता है, पैसे ख़र्च करता है, हथियार भेजना शुरू कर देता है, जनता का दमन शुरू कर देता है।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि सऊदी अरब को इसके लिए जवाबदेह होना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या इस्लामी जगत का हित इस्राईल से एकजुटता बना लेने में है? या अमरीका का दामन थाम लेने में है? क्या पूरे क्षेत्र को अमरीका के हवाले कर देने से मुसलमानों को सुरक्षा मिल जाएगी? क्या मुसलमान जनता का पैसा ख़र्च करके नाकाम शाही व्यवस्था को बचाए रखना मुसलमानों के हित में है?
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि हमने कभी भी किसी भी मुस्लिम या अरब देश पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी एसा करेगा।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने सऊदी रक्षा मंत्री मोहम्मद बिन सलमान की धमकी का हवाला देते हुए कहा कि यह लोग इस भूल में हैं कि जनता के सामने और विशेष रूप से इस्लामी गणतंत्र ईरान के महान राष्ट्र के सामने अपना महिमामंडन कर सकते हैं लेकिन मैं समझता हूं कि उन्हें ख़ुद पता नहीं कि वह क्या बोल रहे हैं और इसका कारण उनकी अज्ञानता, घमंड और अनुभवहीनता है।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने इस साक्षात्कार में कहा कि आज विश्व स्तर पर सह विचार पाया जाता है कि यमन में सऊदी अरब के हाथों मानवाधिकारों का हनन हो रहा है तो अमरीका क्या कर रहा है, सऊदी अरब ने यमन के ख़िलाफ़ कई बार युद्ध किया है, यह पहली बार नहीं है कि सऊदी अरब ने यमन के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ा है। यह चौथा युद्ध है और सऊदी अरब इससे पहले तीन युद्ध हार चुका है। इसी तरह इस बार भी यमनी जनता इस बात की अनुमति नहीं देगी कि यमन पर सऊदी अरब की मर्ज़ी का वहाबी शासन थोपा जाए।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब के रक्षा मंत्री और डिप्टी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बन सलमान ने सऊदी अरब के एक टीवी चैनल से अपनी बातचीत में कहा था कि हमारा लक्ष्य लड़ाई को ईरान की सीमाओं के भीतर ले जाना है। इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि मेरी समझ में यह बात नहीं आती कि वह एसा किस तरह कर पाएंगे, वह समझते हैं कि उनके पास ताक़तवर वायु सेना है जो कुछ भी कर सकती है लेकिन मैं सऊदी अधिकारियों को नसीहत करता हूं कि कोई मूर्खतापूर्ण क़दम न उठाएं लेकिन यदि उन्होंने एसा किया तो मैं नहीं समझता कि मक्के और मदीने के अलावा सऊदी अरब में कोई क्षेत्र सुरक्षित बचेगा।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने यमन संकट के समाधान के तरीक़े के बारे में कहा कि समाधान यही है कि सऊदी अरब तत्काल यमन से अपनी सेनाओं को बाहर निकाले, सऊदी अरब अन्य इस्लामी देशों के मामलों में हस्तक्षेप बंद करे, तीसरे यह कि क्षेत्र की सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को स्वीकार करे, क्षेत्र से बाहरी सेनाओं को बाहर निकाले और चौथी चीज़ यह है कि जनता के अपने भविष्य का फ़ैसला करने के अधिकार को मान्यता दे, यह शर्तें क्षेत्र के संकटों के समाधान के लिए ज़रूरी हैं।
आतंकी संगठनों से इस्राईल की सांठगांठ के बारे में रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि इस समय इस्राईल के लिए बड़ा अच्छा दौर है, दाइश और अन्य आतंकी संगठन उसकी ओर से मुसलमानों के विरुद्ध युद्ध कर रहे हैं, इस्राईल को सुरक्षित माहौल दे रहे हैं और मुसलमानों की ऊर्जा को नष्ट कर रहे हैं, इस्राईल के लिए पैदा होने वाले ख़तरों को दूर कर रहे हैं, इस्राईल जब भी हमला करता है तो इन संगठनों को आश्वासन देता है कि वह उनके साथ है अतः वह किसी बात की चिंता न करें।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान ने कहा कि क्षेत्र में शांति व सुरक्षा की बहाली के लिए दो बुनियादी चीज़ों को ज़रूरत है, एक है क्षेत्र की इस व्यवस्था में इस्राईल इस रूप में बाक़ी न रहे और इसका रास्ता बहुत आसान है, फ़िलिस्तीनी शरणार्थी अपने घरों को लौटें और फ़िलिस्तीनी जनता अपने भविष्य का फ़ैसला ख़ुद करे, फ़िलिस्तीनी जनता जो भी फ़ैसले करेगी उसे हम सब मानेंगे। दूसरी चीज़ यह है कि बाहरी शक्तियों को इलाक़े से निकाला जाए, क्षेत्र के राष्ट्रों को मालूम है कि किस तरह आपस में मिल जुल कर रहना है।
रक्षा मंत्री हुसैन देहक़ान का यह इंटरव्यू सोमवार को अलमनार टीवी से प्रसारित किया जा रहा है।