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Monday 25th of November 2024
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आईएस के ख़तरे से निपटने के लिए भारत सरकार ने माँगी उल्मा से मदद।

भारत सरकार ने देश में बढ़ते आतंकवादी ख़तरों के दृष्टिगत मुस्लिम धर्मगुरुओं से मदद की गुहार लगाई। तकफ़ीरी आतंकवादी संगठन दाइश की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच भारतीय केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाक़ात की है। इस मुलाक़ात में राजनाथ सिंह ने आतंकी गुटों की योजना को विफल करने में मुस्लिम धर्मगुरुओं से सहयोग मांगा। भारतीय गुप्तचर एजेंसीयों द्वारा
आईएस के ख़तरे से निपटने के लिए भारत सरकार ने माँगी उल्मा से मदद।

भारत सरकार ने देश में बढ़ते आतंकवादी ख़तरों के दृष्टिगत मुस्लिम धर्मगुरुओं से मदद की गुहार लगाई।
तकफ़ीरी आतंकवादी संगठन दाइश की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच भारतीय केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाक़ात की है। इस मुलाक़ात में राजनाथ सिंह ने आतंकी गुटों की योजना को विफल करने में मुस्लिम धर्मगुरुओं से सहयोग मांगा।
भारतीय गुप्तचर एजेंसीयों द्वारा देश के विभन्न राज्यों में कथित रूप से आतंकवादी गुट दाइश के युवकों में संभावित बढ़ते प्रभाव के विषय में चिंता जताए जाने के साथ ही केंद्र सरकार और मुस्लिम संगठनों के बीच मंथन आरंभ हुआ है।
भारत से हमारे संवाददाता ने बताया है कि तीन घंटों से अधिक चलने वाली इस गंभीर भेटवार्ता में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी उपस्थित थे।
भारत की खुफ़िया एजेंसियों के अनुसार दाइश ने अब भारत में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि भारत के गृह मंत्री ने इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं से मदद मांगी और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इस संदर्भ में सरकार की हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
इस बैठक में सोशल मीडिया के दुरुपयोग, नौजवानों को आकर्षित करने वाले प्रोत्साहनों के स्रोतों, भारत के पड़ोस में दाइश के बढ़ते प्रभाव और कानून-व्यवस्था के स्तर से इस चुनौती का उचित उत्तर देने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में मुस्लिम धर्मगुरुओं और भारतीय गृह मंत्री की मुलाक़ात के दौरान भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी सहित जमीयते ओलमाए हिंद के राष्ट्रीय सचिव नियाज़ फारूक़ी, अजमेर शरीफ़ के मौलाना अब्दुल वहीद हुसैन चिश्ती, रफ़ीक़ वारसी, एमएम अंसारी, एमजे ख़ान, कमाल फारूक़ी, पीस फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुफ़्ती एजाज़ अरशद क़ासेमी और अन्य मौजूद थे।


source : abna24
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