मरीका ने जहां सीरिया के दो शहरों नुब्बुल और अल-ज़हरा की घेराबंदी समाप्त होने पर नाराज़गी का इज़हार किया है, वहीं ईरान ने सीरियाई सेना और जनता को इसकी बधाई दी है।
तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश ने लगभग 60,000 की जनसंख्या वाले दोनों शहरों का 2012 से परिवेष्टन कर रखा था, जिसे तोड़ने के लिए सीरियाई सेना, हिज़्बुल्लाह और स्वयं सेवी बलों ने हालिया दिनों में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था।
इस ख़बर पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सीरिया और रूस पर सीरियाई संकट का समाधान सैन्य शक्ति द्वारा निकालने का आरोप लगाया है।
केरी ने मास्को से मांग की है कि तुरंत रूप से सीरिया में अपने हवाई हमले बंद करे।
केरी आतंकवादी गुटों के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान बंद करने की मांग ऐसी स्थिति में कर रहे हैं, जब तकफ़ीरी आतंकवादी गुट सीरिया में मौत का तांडव कर रहे हैं और लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।
तकफ़ीरी आतंकवादियों ने शिया बहुल नुब्बुल और अल-ज़हरा शहरों की घेराबंदी कर रखी थी और वहां वे किसी भी प्रकार की सहायता साम्रगी पहुंचने नहीं दे रहे थे।
इसके बावजूद इन शहरों के बहादुर और साहसी नागरिकों ने हिम्मत नहीं हारी और बहुत ही साहस से आतंकवादियों का मुक़ाबला किया और वर्षों तक घेराबंदी के बावजूद आतंकवादियों को शहर में प्रवेश नहीं करने दिया।
उल्लेखनीय है कि इन शहरों की घेराबंदी टूटने से आतंकवादी गुटों को भारी नुक़सान पहुंचा है और तुर्की से उन्हें मिलने वाले हथियारों और सहायता की आपूर्ति लाइन कट गई है।
यही कारण है कि सीरिया में आतंकवादी गुटों और सशस्त्र विद्रोही गुटों का समर्थन करने वाली शक्तियां अपने हितों के लिए इसे एक बड़ा झटका मान रही हैं।
नुब्बुल और ज़हरा की घेराबंदी के ख़िलाफ़ संघर्ष के दौरान, नुब्बुल के 160 नागरिक और ज़हरा के 140 नागरिक शहीद हो चुके हैं, जबकि दोनों शहरों के 330 नागरिक घायल हुए हैं।
source : abna24