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हिज़्बुल्लाह कमांडर की हत्या का राज़ फ़ाश हुआ।

लेबनान की एक मशहूर पत्रकार माजेदा अलहाज अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हिज़्बुल्लाह ने सीरिया के एलेप्पो प्रान्त में तीन खुफिया एजेन्टों को गिरफ्तार किया है जिनमें दो
हिज़्बुल्लाह कमांडर की हत्या का राज़ फ़ाश हुआ।

लेबनान की एक मशहूर पत्रकार माजेदा अलहाज अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हिज़्बुल्लाह ने सीरिया के एलेप्पो प्रान्त में तीन खुफिया एजेन्टों को गिरफ्तार किया है जिनमें दो अमरीका और फ्रांस के खुफिया तंत्र के अधिकारी हैं।
लेबनान की न्यूज़ वेबसाइट अस्सेबात पर माजेदा अलहाज की यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें उन्होंने कहा है कि रीफ दमिश्क प्रान्त के खान तूमान क्षेत्र पर सीरिया की सरकार विरोधी गुटों का क़ब्ज़ा दर अस्ल उस प्लान बी का हिस्सा था जिसके बारे में अमरीका और सऊदी अधिकारी हालिया महीनों में बात किया करते हैं।
अमरीका व फ्रांस के दो खुफिया अफसरों की गिरफ्तारी
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया के मीडिया ने खान तूमान पर आतंकवदियों के क़ब्ज़े और उसके कुछ दिनों बाद हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर मुस्तफा बदरुद्दीन की दमिश्क़ में एक आतंकवादी हमले में मौत की खबरों पर जम कर सुर्खियां लगायीं लेकिन इन दो बड़ी घटनाओं के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर भी आयी लेकिन बहुत ज़्यादा सुर्खिया नहीं बटोर पायी।
इस खबर में बताया गया था कि इस्राईल के युद्धक विमानों ने हिज़्बुल्लाह के एक कारवां पर हमला किया जो भारी हथियारों के साथ सीरिया से लेबनान की ओर जा रहा था।
इस्राईल ने इस खबर का खंडन किया और हिज़्बुल्लाह ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की।
अस्सेबात न्यूज़ के मुताबिक़ यह हमला हुआ था लेकिन कोई भी इस हमले का ब्योरा देने पर तैयार नहीं था और इस्राईल ने तो हमले से ही इन्कार कर दिया लेकिन अचानक उन्नीस मई को बैरूत के प्रिंट मीडिया ने एक खबर छापी जिससे, हिज़्बुल्लाह के कारवां पर इस्राईल के युद्धक विमानों के हमले के बारे में बहुत सी सच्चाई सामने गयी।
दर अस्ल हिज़्बुल्लाह की स्पेशल फोर्स ने एक अत्यन्त जटिल आप्रेशन के दौरान एलेप्पो में अन्नुस्रा फ्रंट के क़ब्ज़े वाले इलाक़े से तीन बहुत अहम लोगों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।
इन तीन लोगों में से एक सऊदी अरब के लिए काम करने वाले आतंकवादी गुट का वरिष्ठ सरगना था और दो लोग अमरीका व फ्रांस की खुफिया एजेन्सी के अफसर थे। सीरिया के अंदर युद्धग्रस्त क्षेत्र से अमरीका और फ्रांस के खुफिया अफसरों की गिरफ्तारी से खलबली मच गयी।
अमरीका ने अपने खुफिया अफसरों की मारने तक की कोशिश की
रिपोर्ट में बताया गया है कि एलेप्पो से दो अमरीकी व फ्रांसीसी खुफिया अफसरों को पकड़ने के लिए हिज़्बुल्लाह ने जो योजना बनायी थी और जिस प्रकार के आप्रेशन में उन्हें पकड़ा गया था वह दरअस्ल मार्च सन दोहज़ार चौदह में सीरिया के अलक़लमून में आतंकवादियों के क़ब्ज़े वाले क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह के उस अभियान से मिलता जुलता था जिसमें हिज़्बुल्लाह ने बम बनाने में दक्ष पांच आतंकवादी कमांडर को मार डाला था।
माजेदा अलहाज की रिपोर्ट के अनुसार जैसे ही हिज़्बुल्लाह ने अमरीका और फ्रांस के खुफिया अधिकारियों को पकड़ा, अमरीकी खुफिया एजेन्सी ने अनुमान लगा लिया कि इन लोगों को लेबनान पहुंचाया जाएगा इस लिए वाशिंग्टन ने इस्राईल से मदद मांगी इसी लिए यह कहा जा रहा है कि इस्राईल ने, अमरीका के कहने पर सीरिया से लेबनान जाने वाले हिज़्बुल्लाह के कारवां पर हमला किया था ताकि तीनों क़ैदियों को लेबनान में हिज़्बुल्लाह के प्रभाव वाले क्षेत्र में पहुंचने से पहले मार दिया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल ने लेबनान की तरफ बढ़ते हुए इस कारवां के बारे में यह समझा कि यह हिज्बुल्लाह का कारवां है और इसी कारवां में वह तीनों बंदी भी लेबनान ले जाए जा रहे हैं इसी लिए इस्राईली युद्धक विमानों ने इस कारवां पर बमबारी कर दी लेकिन बाद में पता चला कि यह दसियों कारों और हथियारों के साथ सीरिया से लेबनान की ओर बढ़ने वाला यह कारवां हिज़्बुल्लाह का नहीं बल्कि सीरियाई और लेबनानी सशस्त्र गुटों का था और इस हमले में मारे जाने वाले तीन लोगों में से दो का संबंध लेबनान की सअद नायल और बुक़ाअ क्षेत्रों से था।
अमरीका व फ्रांस के खुफिया अफसरों की गिरफ्तारी खान तूमान का बदला
माजेदा अलहाज ने कहा तेहरान में मीडिया इसे खान तूमान पर क़ब्ज़े का बदला बता रहे हैं। उनकी रिपोर्ट के अनुसार जिस हमले में हिज़्बुल्लाह के कमांडर मुस्तफा बदरुद्दीन शहीद हुए वह दरअस्ल प्रसिद्ध ईरानी कमांडर, जनरल सुलैमानी के लिए किया गया था।
माजेदा अलहाज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस हमले के बाद तेहरान और मास्को में बात चीत हुई और मास्को ने वाशिंग्टन को तेहरान का यह पैगाम दे दिया कि संदेश मिल गया... ईरान का जवाब यहीं पर ख़त्म नहीं होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हिज़्बुल्लाह के कमांडर शहीद बदरुद्दीन को अन्नुस्रा फ्रंट ने उस टीम ने निशाना बनाया जिसे सन दो हज़ार बारह में इस्राईली सेना ने ट्रेनिंग दी थी और इस टीम का मक़सद सीरिया में सक्रिय हिज़्बुल्लाह के सीनियर कमांडरों की हत्या है। वैसे अब यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि इस टीम के सभी सदस्यों का ब्योरा हिज़्बुल्लाह के पास है।


source : abna24
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