अबनाः आतंकवादी गुट दाइश वर्ष 2012 से अब तक सीरिया में बश्शार असद की कानूनी सरकार के विरुद्ध लड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ में रूसी राजदूत विटैली चूरकीन ने घोषणा की है कि इराक और सीरिया में अमेरिकी हस्तक्षेप मध्यपूर्व में आतंकवाद और दाइश के पैदा होने का कारण बना है। चूरकीन ने इसी प्रकार मध्यपूर्व की अशांति में फ्रांस और ब्रिटेन को अमेरिकी अपराधों का भागीदार बताया। रूसी राजदूत ने सीरिया के हलब नगर के परिवर्तनों की समीक्षा के समय सुरक्षा परिषद की बैठक में यह बात कही।
वास्तव में पश्चिमी देश आतंकवादियों के मुकाबले में सीरियाई सेना की बढ़त पर शीघ्र मैदान में आ जाते हैं ताकि आतंकवादियों को पहुंचने वाली क्षति की भरपाई करें और राष्ट्रसंघ में दिखावटी कदम उठायें। सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों ने भाषण दिया और सीरिया के हलब नगर में आम नागरिकों के संबंध में मानवाधिकार के हनन के दावे किये।
संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमेरिकी राजदूत सामान्था पावर ने भी सीरिया, रूस और ईरान के विरुद्ध अपने शत्रुतापूर्ण दावों की पुनरावृत्ति की और सीरिया में आतंकवादियों को बनाने और उनके समर्थन में अमेरिकी सरकार की भूमिका पर ध्यान दिये बिना सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद को इस देश में तबाही का कारण बताया।
उसके बाद रूसी राजदूत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस चीज़ पर मुझे बड़ा आश्चर्य है वह अमेरिकी राजदूत के बयान हैं मानो वह मदरटेरिसा हैं। आप याद कीजिये कि आप किस देश की प्रतिनिधि हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस दाइश के जनक थे और वह सीरिया और इराक में हस्तक्षेप का परिणाम था।
आतंकवादी गुट दाइश वर्ष 2012 से अब तक सीरिया में बश्शार असद की कानूनी सरकार के विरुद्ध लड़ रहा है। आतंकवादियों ने इसी प्रकार जून वर्ष 2014 से अपने हमलों को इराक में विस्तृत कर दिया। इन वर्षों में वे पश्चिम के व्यापक समर्थन से इराक और सीरिया में मौजूद हैं और उन्होंने इन देशों के अधिकांश भांगों को असुरक्षित कर रखा है।
बहरहाल मध्यपूर्व में संकट उत्पन्न करने में अमेरिका और पश्चिमी देशों की भूमिका इस सीमा तक स्पष्ट है कि राष्ट्रसंघ में रूसी राजदूत ने पश्चिमी देशों से मांग की है कि वे आतंकवादियों का समर्थन करने के बजाये सीरियाई जनता के लिए मानवता प्रेमी सहायता भेजें।