Hindi
Wednesday 24th of April 2024
0
نفر 0

ताजे लताफत हैं फातेमा

ताजे लताफत हैं फातेमा

इंसानियत का ताजे लताफत हैं फातेमा
बादे रसूल आयऐ रहमत हैं फातेमा
दुनिया मे राज़दारे मशीयत है फातेमा
एक गोशा ए हिजाबे नबूवत है फातेमा

सिनफे निसा को इल्म की आवाज़ मिल गई।
इन के करम से क़ूवते परवाज़ मिल गई।
....................................................................................
गुलहा ए रंगो बू को तबस्सुम हुआ नसीब
लैला ए जूस्तजू को तकल्लुम हुआ नसीब
दुनिया ए गुफ्तगू को तरन्नुम हुआ नसीब
दरया ए आरज़ू को तलातुम हुआ नसीब

निस्वानियत उरूजे बशर तक पहुँच गई।
ये शाम भी नमूदे सहर तक पहुँच गई।
.....................................................................................

कुरआन के शऊर की तकमील हो गई
गोया किताबे फख्ऱ की तनज़ील हो गई
फरज़ानगीऐ हयात मे तहलील हो गई
एक दूसरे निज़ाम की तशकील हो गई

मरयम का फख्ऱ एक झलक सी दिखा गया।
ज़हरा का अक्स ज़हने रसा मे समा गया।
......................................................................................

रफतार मे नकाज़त ए रफतारे मूस्तफा
गुफतार मे फसाहते गुफ्तारे मुस्तफा
किरदार मे बुलन्दीये किरदारे मुस्तफा
अतवार मे छुपे हुऐ अतवारे मुस्तफा

पैग़म्बरे जलील की सीरत का आईना।
उस्तादे जिबरईल की अज़मत का आईना।
.......................................................................................

सिद्दीक़ा ओ बतूल, ज़कीया, मोअज़्ज़मा
बे मिस्ल आबिदाओ अक़ीलाओ सालेहा
सरकारे दो जहाँ के नवासोओ की वालिदा
खूश्नुदी ए खुदा  की तलबगार सय्यदा   

ताज़ीम जिनकी करते थे सुल्तान अम्बिया।
है जिनके दम से मज़हब ए इस्लाम की बक़ा।
........................................................................................

खुद्दार हक़ शनास मोहब्बत की नुक्तादां
ताहा की जान, काबा ए इफ्फत की पास्बां
है सजदागाहे जिन्नो मलक जिनका आस्तां
हसनैन जिनकी गोद मे पलकर हुऐ जवां

शौहर हैं जिनके नाज़िशे कौनेने मुरतुज़ा।
मुश्किल कुशा ए कौनो मकां शाहे लाफता।
…………………………………………………………………

वासिफ अज़ल से वासिफे आले इबा हुँ मैं
जिस पर वफा को नाज़ है वो बावफा हुँ मैं
हुस्ने तलब से अरशे सुखन पा गया हुँ मै
दरबारे ज़ुलजलाल मे पहुचां हुआ हुँ मै

है क़ुदसीयो मे शोर सलातो सलाम का।
क्या मरतबा है खातमे खैरूल अनाम का।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

शरीर की रक्षा प्रणाली 1
इस्लाम में औरत का महत्व।
इमाम अली (अ) ने किसी बुत के सामने ...
हदीसे किसा
नहजुल बलाग़ा में इमाम अली के ...
दुआ फरज
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का ...
सम्मोहन एवं बुद्धिमत्ता
मुसलमानो के बीच इख़्तिलाफ़
नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली के ...

 
user comment