अहलेबैत (अ) न्यूज़ एजेंसी अबना: सीरिया के एक राजनीतिज्ञ ने हलब शहर पर सीरियाई सेना और उसके सहयोगियों के नियंत्रण को तुर्की, सऊदी अरब, कतर और चरमपंथी आतंकवादी गुटों के अन्य समर्थक देशों की शर्मनाक हार बताया है।
ईरानी मीडिया के साथ इंटरव्यू में सीरिया के विश्लेषक '' खालिद मक़सूद'' ने हलब शहर पर सीरियाई सेना और उसके सहयोगियों के नियंत्रण को तुर्की, सऊदी अरब, कतर और चरमपंथी आतंकवादी समूहों के अन्य समर्थक देशों की शर्मनाक हार करार दिया।
उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में सीरियाई सेना और उसके सहयोगियों की उपलब्धियों ने तुर्की और क्षेत्र में अन्य चरमपंथी आतंकवादियों के समर्थक राज्यों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है।
उन्होंने यह बताते हुए कि आतंकवाद का समर्थन करने के खतरनाक परिणाम भुगतने के बाद तुर्की ने सीरिया के बारे में अपना रवैया बदला है उन्होंने कहा कि तेहरान, मास्को, दमिश्क और अंकारा की मध्यस्थता से तय करने वाले समझौते के तहत सभी आतंकवादियों को सीरिया छोड़ने की अनुमति होगी।
खालिद मक़सूद ने कहा कि हलब की स्वतंत्रता से आतंकवाद समर्थक देशों की कमर टूट गई है। उन्होंने कहा कि दमिश्क सरकार और विद्रोहियों के बीच तय करने वाला अनुबंध सीरियाई संघर्ष को हल करने में निर्णायक साबित हो सकता है।
सीरियाई सेना और स्वंयबल सेना के जनरल कमान्डर ने पिछले गुरुवार को देश भर में लड़ाई रोकने की घोषणा करते हुए कहा कि हम युद्ध विराम समझौते पर पूर्ण रूप से अमल करेंगे लेकिन आईएस, जिबहतुन्नुस्रा और उन से जुड़े सभी गुटों के लिए यह समझौते लागू नहीं होगा।
दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति विलादिमिर पूतिन ने सीरिया में लागू होने वाले नए युद्धविराम समझौते के हवाले से कहा था कि तेहरान, मास्को और अंकारा की सुलह के परिणामस्वरूप सीरिया में सफल युद्ध विराम लागू है और हम संयुक्त रूप से इसके शांतिपूर्ण कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम के कार्यान्वयन के बाद दो और दस्तावेजों पर अमल होगा जिसके अनुसार सीरिया में दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम समझौते पर स्थायी रूप से काम जारी रखना और तीसरे चरण में सरकार और विद्रोही गुटों के बीच सीरियाई शांति वार्ता का आयोजन कराना है।
याद रहे कि सीरियाई संकट को ख़त्म करने के लिए अगले दौर की शांति वार्ता कज़ाकिस्तान में आयोजित होने वाली हैं जिसमें सीरियाई सरकार और विद्रोही समूहों के प्रतिनिधि की भागीदारी की उम्मीद है।
इससे पहले सीरिया में कई बार युद्ध विराम का उल्लंघन किया गया है जबकि कुछ महीने पहले जेनेवा में अमरीकी फ़ोर्स सीरिया में दस दिवसीय युद्धविराम पर सहमत हुई थी लेकिन अमरीकी सेना ने सीरियाई सेना पर हमला करके इस समझौते का उल्लंघन किया था।