अहलेबैत न्यूज़ ऐजेंसी अबना: रिपोर्ट के अनुसार बहरैन के "तहरीक अमल" आंदोलन के राजनीतिक विभाग के प्रमुख राशिद अलराशिद ने कहा है कि बहरैनी जनता का इंक़ेलाब छठे साल में दाख़िल हो गया है बहरैनी जनता का भविष्य रौशन है और वह अपनी मांगों को प्राप्त करने में सफल हो जाएंगे।
राशिद अलराशिद ने कहा कि बहरैनी जनता का इंक़ेलाब छठे साल में प्रवेश कर चुका है बहरैनी जनता अच्छी तरह जानती है कि उनका मुक़ाबला सिर्फ़ आले ख़लीफ़ा शासन से नहीं है बल्कि उनका मुक़ाबला आज अमरीका और ब्रिटेन जैसी विश्व साम्राज्यवादी शक्तियों से है।
उन्होंने कहा कि बहरैनी जनता अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और अधिक कुर्बानियाँ देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आले खलीफा के पीछे अमरीका, ब्रिटेन और सऊदी अरब का हाथ है और अमरीका ब्रिटेन और सऊदी अरब के हाथ बहरैनी जनता के ख़ून से रंगे हुए हैं।
राशिद अलराशिद ने कहा कि बहरैनी जनता की माँगों में आज़ादी और लोकतंत्र की मांग भी सम्मिलित है और यह मांगें बहुत जल्द ही साबित हो जाऐंगी आले ख़लीफ़ा शासन को अमरीका और ब्रिटेन पर भरोसा है जबकि बहरैनी जनता को अल्लाह पर विश्वास है और अल्लाह तआला बहरैनी जनता को कामयाब करेगा।
राशिद ने ब्रिटेन के बहरैन वापसी पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आले ख़लीफ़ा शासन वास्तव में ब्रिटेन के अधीन है बहरैन के बादशाह ने जनता के इंक़ेलाब से खतरे का आभास करते हुए एक बार फिर ब्रिटेन की पनाह ली है उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और बहरैन के बादशाह अमरीका और ब्रिटेन के ग़ुलाम और नौकर हैं। यही कारण है कि अमरीका और ब्रिटेन फार्स की खाड़ी के अरब देशों में लोकतंत्र के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि लोकतंत्र की सूरत में क्षेत्र में अमरीकी और ब्रिटिश हित खतरे में पड़ सकते हैं।
इस बातचीत में "तहरीके अमल" आंदोलन के सिक्रेटरी जनरल शेख अब्दुल्लाह सालेह ने कहा कि बहरैन का इंक़ेलाब ऐसा अकेला इंक़ेलाब है जिसे अमरीका, ब्रिटेन और सऊदी अरब मिल कर दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान के इंक़ेलाब ने बहुत सी दबी कुचली मज़लूम क़ौमों के दिलों में उम्मीद की किरन को रौशन किया और आज क्षेत्रीय राष्ट्र इस्लामी जागरूकता के रूप में अपने अपने देशों में इस्लामी शासन का पक्ष ले रहे हैं उन्होंने कहा कि बहरैनी जनता के इंक़ेलाब को कुचलने के लिए सऊदी अरब और जार्डन की सेना बहरैन में मौजूद है जिससे पता चलता है कि बहरैनी जनता के अधिकारों को दबाने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में सऊदी अरब और उसके समर्थक देश एकजुट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि तलवार पर खून की जीत निश्चित है और जीत, बहरैनी जनता के कदम चूमेगी।