Hindi
Thursday 9th of January 2025
0
نفر 0

हश्दुश शअबी न होती तो आईएस कर्बला में घुस चुके होते।

इराक के राष्ट्रपति फ़ुवाद मासूम ने एक इंटरव्यु में कहा कि इराक की जनसंख्या ३८ मिलियन है और विशेष तौर पर ३ समुदाय पर आधारित है । हम पक्षपात को नहीं मानते हमारे लिए हर देशवासी महत्वपूर्ण है। कोई सियासी गठबंधन किसी एक समुदाय को हाशिये पर धकेलने के लिए नही है। गठबंधन देश की सियासी मजबूरी है इराक में कोई दल अपने बल पर सत्ता हासिल नहीं कर सकता।
हमारा उद्देश्य इराक की संप्रभुत्ता तथा अखण्डता को बचाये रखना है। देश का संविधान १८ वर्षीय नागरिकों को चुनाव में भाग लेने तथा २५ -३० वर्षीय को चुनाव लड़ने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार गठन में देश की एकता और अखण्डता सर्वोपर्रि होना चाहिए क्योंकि ऐसा होता है कोई मंत्रालय मिल जाने पर मंत्री सब पदों पर अपनी पार्टी से जुड़े लोगों को तैनात कर देता है यह देश के लिए शुभ लक्षण नहीं है।
उन्होंने दाइश से जुड़े संकट पर कहा कि बहुत जल्द इराकी धरती से दाइश आतंकियों का सफाया हो जाएगा। लेकिन दाइश को रणभूमि में हराकर हम यह न सोचें कि यह रोग खत्म हो गया है इसकी असल जड़ तकफ़ीरी वहाबियत है हमे दाइश आतंकियों के सफाये के बाद भी कठोर सुरक्षा प्रबन्ध करने होंगे। हमे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा ताकि भविष्य मे ऐसी किसी घटना का सामना न करना पड़े हमे अपनी सेना तथा सुरक्षा बलों का आधुनिकरण करना होगा मूसेल और इराक के अन्य क्षेत्रों पर दाइश का अधिकार सेना तथा देश के लिए गहरा आघात था।
उन्होंने अरब लीग पर कहा कि इराक़ शुरू से ही अरब लीग का महत्वपूर्ण सदस्य रहा है और हम इस लीग को बनाये रखने के पक्षधर है लेकिन इस लीग के नियमों में बदलाव करना ज़रूरी हो गया है। उन्होंने इराकी स्वंयसेवक बल अलहश्दुश शअबी पर कहा तकफ़ीरी आतंकियों से जंग में इस संगठन ने बहुत बलिदान दिया है इराक पार्लियामेंट ने क़ानून भी पास किया है कि इनके अधिकार सुरक्षित किये जायें।
आतंक से लड़ाई में इस संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन साथ साथ हमे इस संगठन के लिए कुछ फौजी नियम क़ायदे जैसे सैन्य आपूर्ति और ड्रेस कोड इत्यादि बनाने होंगे ताकि कोई और इस संगठन में सम्मिलित होकर इसका नाम खराब करने की कोशिश न करे । उन्होंने हश्दुश् शअबी के भविष्य को लेकर कहा कि इस बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नही लिया गया है सम्भावना है कि यह देश की दूसरे नंबर की सेना रहे। हश्दुश शअबी न होती तो दाइश आतंकी अलअंबार के रास्ते अब तक कर्बला में घुस चुके होते ।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

नजफ़े अशरफ़ में आईएसआईएल की आतंकी ...
अमेरिका का रूस के विरुद्ध नए एटम ...
सआद हरीरी स्वयं अपनी बातों पर भी ...
बहरैन में शांतिपूर्ण ...
पेरिस में सैंकड़ों लोगों ने किया ...
रूस में "कुरान और आधुनिक विज्ञान" ...
अमेरिका और ब्रिटेन के हाथ बहरैनी ...
आरएसएस, देश का दुश्मनः काटजू
सऊदी अरब को हार्ट अटैक का ख़तरा, ...
इस्राईल रच रहा है बश्शार असद की ...

 
user comment